उत्तर प्रदेश में PDA की लड़ाई अब नए राजनैतिक मोड़ पर आ गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस नारे की योगी आदित्यनाथ ने नई परिभाषा गढ़ दी है. उन्होंने कहा कि यह समाजवादी पार्टी का ‘प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी’ है.
ALSO READ बबुआ अभी बालिग नहीं योगी ने अखिलेश के लिये मजे ,अखिलेश हो गये आग बबूला
अखिलेश यादव बार-बार पीडीए (PDA) की राजनीति करने का दावा करते हैं. इसमें ‘P’ का मतलब पिछड़ा , ‘D’ का मतलब दलित और ‘A’ का मतलब अल्पसंख्यक है. वे ‘A’ के लिए कभी-कभी आधी आबादी और अगड़ी जाति का भी जिक्र करते रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीडीए की नई परिभाषा देते हुए इसे ‘प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई’ कहा है. उन्होंने इसमें ‘P’ के लिए प्रोडक्शन हाउस, ‘D’ के लिए दंगाई और ‘A’के लिए अपराधी शब्द का इस्तेमाल किया है.यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सपा के ‘पीडीए’ के नारे की नई परिभाषा देते हुए इसे दंगाइयों और अपराधियों का ‘प्रोडक्शन हाउस’ कहा. उन्होंने कहा कि दुर्दांत अपराधी, माफिया और दुष्कर्मी पैदा करने वाले इस ‘प्रोडक्शन हाउस’ के ‘सीईओ’ अखिलेश यादव और ‘ट्रेनर’ शिवपाल यादव हैं.बता दे कि अखिलेश यादव ने सन 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पीडीए का नारा दिया था. पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समूह के लिए इस नारे का इस्तेमाल इस साल लोकसभा चुनाव में भी किया था. लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए यह फार्मूला हिट रहा. सपा ने इस चुनाव में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 37 सीटें जीती थीं. कटेंगे तो बंटेंगे के बाद इस नारे से बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण में जुटी है. पार्टी का फोकस मुसलमानों के खिलाफ ओबीसी (OBC) और दलितों को एकजुट कर अपनी चुनावी नैया पार लगाने की है ,,,,आपको बता दे कियूपी की राजनीति में नारों की जंग जारी है. हर राउंड में योगी आदित्यनाथ कुछ नया लेकर आ जाते हैं. बस अब उनका लक्ष्य अर्जुन की तरह उपचुनाव जीत लेने का है. जो जीता वही सिकंदर. लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव सिकंदर बने थे. उनका पीडीए वाला दांव सुपर हिट रहा था. समाजवादी पार्टी देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई.