Home Crime गोल्डन टेंपल में सुखबीर बादल पर हमला: पंजाब में खालिस्तान समर्थकों के...

गोल्डन टेंपल में सुखबीर बादल पर हमला: पंजाब में खालिस्तान समर्थकों के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर सवाल

27
0

पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार सुबह अमृतसर के गोल्डन टेंपल के एंट्री गेट पर जानलेवा हमला हुआ। धार्मिक सजा के मामले में पहरेदारी कर रहे सुखबीर बादल पर एक हमलावर ने पिस्टल तान दी और निशाना बनाने की कोशिश की। हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों के बीच-बचाव के चलते गोली हवा में चल गई, और एक बड़ी घटना होते-होते टल गई।

गोल्डन टेंपल में सेवा के दौरान सुखबीर बादल पर गोली चलना एक बेहद गंभीर घटना है। लेकिन जो लोग पंजाब की मौजूदा स्थिति पर लंबे समय से नजर बनाए हुए हैं, या कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में खालिस्तानी आतंकी और उनके समर्थकों की गतिविधियों को देख चुके हैं, उनके लिए यह घटना चौंकाने वाली नहीं है।

पिछले कुछ समय में पंजाब में खालिस्तान समर्थकों को सड़कों पर खुलेआम नारे लगाते और अपने झंडे लहराते देखा गया है, और हैरानी की बात यह है कि पुलिस उन्हें सुरक्षा देती नजर आई। इस बीच, सुखबीर बादल अपनी राजनीति के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। उनके सामने अपनी पार्टी को दोबारा खड़ा करने और बेहतर चुनावी प्रदर्शन के जरिए पंजाब की राजनीति में फिर से प्रभावशाली स्थिति में लाने की बड़ी जिम्मेदारी है।

इसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी या अकाल तख्त द्वारा दी गई सजा भी शामिल है। सुखबीर बादल पर आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हुईं, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

सिख समुदाय के एक बड़े वर्ग ने आरोप लगाया था कि उनके धर्मगुरु का अपमान किया गया है। हालांकि, इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर वैसा महत्व नहीं मिला, जैसा वे अपेक्षा कर रहे थे। जिस तरह की सजा की मांग की जा रही थी, वह संभव नहीं हो पाई। इसी कारण सुखबीर बादल को सजा सुनाई गई है, और वे इसके तहत सेवा कार्य कर रहे हैं।

पंजाब पुलिस, प्रशासन और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की जिम्मेदारी थी कि सुखबीर बादल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। माना जा रहा है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसकी वजह से हमलावर को पकड़ लिया गया। मौजूदा जानकारी के मुताबिक, नारायण सिंह चौड़ा, जिसने सुखबीर बादल पर हमला किया, बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है।

सोचने वाली बात यह है कि नारायण सिंह चौड़ा, जो डेरा बाबा नानक का निवासी है, का नाम खालसा दल से भी जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा, जानकारी मिली है कि वह 1984 में पाकिस्तान गया था। यह वही समय था जब पंजाब में आतंकवाद का दौर शुरू हो रहा था। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

Also Read-दिव्यांगजनों ने साबित किया-हम किसी से कम नहीं: सीएम योगी

जून 1984 में जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ देश को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी थी। उस समय सेना को गोल्डन टेंपल के अंदर जाना पड़ा। इस कार्रवाई को खालिस्तानी समर्थकों और भारत विरोधियों ने गलत तरीके से प्रचारित किया, जिसका फायदा पाकिस्तान ने उठाया। कई अन्य देशों ने भी इसे समर्थन दिया। उस दौर में कई ऐसे आतंकी उभरकर सामने आए थे, जो देश को तोड़ने की साजिश कर रहे थे।

कहा जा रहा है कि सुखबीर बादल पर हमला करने की कोशिश करने वाला नारायण सिंह चौड़ा हथियार और विस्फोटकों की तस्करी में भी शामिल रहा है। इसके अलावा, उसने गुरिल्ला युद्ध पर एक किताब लिखी है और बुड़ैल जेल तोड़ने का भी आरोपी है।

हालांकि, सुखबीर बादल के विरोधियों की संख्या काफी अधिक है। पंजाब में जिस तरह से सीमापार से ड्रग्स, हथियारों की बड़ी खेपें और आतंकवादी पकड़े जाते हैं, वो गंभीर चिंता का विषय है। पठानकोट एयरबेस पर भी आतंकी हमला हो चुका है। इस सबके बीच, वर्तमान राज्य सरकार अमृतपाल के मामले में कहीं न कहीं निष्क्रिय नजर आई। अमृतपाल खुलेआम पंजाब में खालिस्तान की बात करता था, सभाएं करता था, लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।आखिरकार, केंद्र सरकार की पहल पर पंजाब सरकार को कदम उठाना पड़ा और अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया, और अब वह जेल में है। ऐसे में कई मोर्चों पर पंजाब को तोड़ने और उसे विध्वंसक गतिविधियों में घसीटने की साजिशें रची जा रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here