उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली चुनाव के ऐलान के बाद आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही यह तय हो गया कि समाजवादी पार्टी दिल्ली चुनाव में इंडिया गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस पार्टी को समर्थन नहीं देगी। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष की इस घोषणा के बाद इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, कांग्रेस की सहयोगी दलों की अनदेखी का मुद्दा पिछले दिनों खूब गरमाया था। इसके बाद अब अखिलेश यादव की घोषणा से दिल्ली से लखनऊ तक की राजनीति गरमाती दिख रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के वोट 5 फरवरी को डाले जाएंगे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन नहीं हो पाया। इसके बाद दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ थे। समाजवादी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। इसके बाद भी सपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को समर्थन देने की जगह आप का साथ दिया। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ मिल्कीपुर उपचुनाव की भी घोषणा हुई है। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की बात कही है।

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सपा नहीं लड़ेगी दिल्ली चुनाव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है। साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। अखिलेश यादव के समर्थन के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सपा अध्यक्ष आभार जताया है। अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बहुत बहुत शुक्रिया अखिलेश जी। आपका हमेशा हमें सपोर्ट और साथ रहता है। इसके लिए मैं और दिल्ली की जनता आपकी आभारी है।
दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव
5फरवरी को अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी चुनाव कराए जाएंगे। उपचुनाव में कांग्रेस ने न उतरने का ऐलान किया है। इससे साफ है कि कांग्रेस यूपी में समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ने के मूड में नहीं है। इसके पीछे माना जा रहा है कि कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या है अगर वह अपने क्षेत्रिय सहयोगियों से दूर हो जाएगी तो भविष्य में कांग्रेस की राह लोकसभा चुनाव और अन्य चुनाव के लिए कठिन हो जाएगी दिल्ली में झटके के बावजूद यूपी में अगर कांग्रेस समाजवादी पार्टी का समर्थन कर रही है तो उसका चुनाव में असर एक उदाहरण है लोकसभा चुनाव में सपा का साथ पाकर कांग्रेस एक सीट से 6 सीट तक पहुंच गई माना जा रहा है 2027 चुनाव को देखते हुए कांग्रेस यूपी में सपा के साथ अपना गठबंधन बरकरार रखने के मूड में है l
भाजपा ने कहा अवसरवादियों का गठबंधन है सत्ता के भूखे हैं
भारतीय जनता पार्टी ने इंडिया गठबंधन में असमंजस की स्थिति पर पलटवार किया है भारतीय जनता पार्टी ने कहा जिस तरह से दिल्ली में समाजवादी पार्टी ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया और कांग्रेस को झटका दिया बावजूद इसके कांग्रेस यूपी की मिल्कीपुर में सपा का समर्थन कर रही है ऐ बेमेल गठबंधन है अवसरवादियों का गठबंधन है और सत्ता के भूखे लोगों का गठबंधन है जो समय-समय पर राजनीति में एक दूसरे पर वार पलटवार करते हैं यह अवसरवादी लोग हैं और भानुमति का कुनबा बार बार नही जुड़ता हैl