90 के दशक की फिल्मों की मशहूर लाइन कि हम कुंभ के मेले में बिछड़ गए थे, आज वर्षों बाद मिले है, अब पुराना हो गया है क्योंकि अब डिजिटल का जमाना है,आधुनिक भारत में आयोजित प्रयाग महाकुंभ मेले के आयोजन और प्रबंधन में जहां एक तरफ मानवीय पुरुषार्थ कार्य कर रहा है वही मशीन और आधुनिक तकनीक का महत्तम उपयोग भी किया जा रहा है, और ये नवाचार किया है प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने।
जहां एक तरफ महाकुंभ 2025 में अन्य व्यवस्थाओं को संचालित किया जा रहा है वही प्रदेश में योगी के नेतृत्व में ऊर्जा विभाग ने तीर्थयात्रियों की मदद के लिए एक बहुत ही अच्छा नवाचार किया है, ऊर्जा एवं नगरीय विकास मंत्री ए0के0शर्मा ने इस बाबत जानकारी भी दी कि ऊर्जा विभाग ने इस बार मेलाक्षेत्र में जो बिजली के खंभे लगाए हैं उनमें कुछ ख़ास बात है, दरअसल यदि आप इस कुंभ के मेले में कही बिछड़ जाते है तो विद्युत विभाग के खंभे आपको अपने बिछड़ों से मिला देंगे।
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इस प्रक्रिया में बिजली के हर खंभे की जीआईएस मैपिंग करके उसकी भौगोलिक जगह चिन्हित की गई है और हर खंभे को एक संख्या दी गई है,जो उस पर लिखी है। खंभे की संख्या बताने से उसकी लोकेशन यानी जगह मालूम पड़ जाएगी, जिससे आपका कोई भी प्रिय व्यक्ति यदि बिछड़ गया हो या अन्य कोई समस्या हो तो पुलिस या प्रशासन के नज़दीक के सहायता काउंटर अथवा हेल्पलाइन पर अपने खंभे की संख्या और अपनी समस्या बताने पर प्रशासन के अधिकारी या पुलिस आप तक पहुँचकर आपकी मदद कर पायेंगे।
इसके साथ ही एक अन्य विकल्प यह भी है कि बिजली के उसी खंभे पर उसी जगह पर क्यू आर (QR) कोड स्थापित है। इसे अपने स्मार्ट फ़ोन से आप स्कैन करेंगे तो एक छोटा सा फॉर्म स्वतः खुल जाएगा। उसमें अपना नाम, फ़ोन नंबर और समस्या आप भरकर सबमिट करेंगे तो प्रशासन आप तक स्वतः पहुँचकर आपकी मदद कर सकेगा।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि बिजली के खंभों से निकला यह प्रकाश भी आपको मेले में रास्ता दिखा सकता है, ऊर्जा एवं नगरीय विकास मंत्री ने इस सुविधा का परीक्षण कर शुरुआत कराई है और जनमानस तथा श्रद्धालुओं से आवश्यकतानुसार इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील भी की है।