प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ 2025 का पौष पूर्णिमा का स्नान सोमवार को सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। मंगलवार को मकर संक्रांति के अमृत स्नान पर अब तक पौने दो करोड़ श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लगातार आयोजन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके निर्देश पर प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारी न केवल मेला क्षेत्र में टीम का हौसला बढ़ा रहे हैं, बल्कि श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों से सीधा संवाद कर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। श्रद्धालु प्रशासन और पुलिस द्वारा की गई सुव्यवस्थित और सुरक्षित व्यवस्थाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।
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विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई, जब 1.62 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। मकर संक्रांति के पहले अमृत स्नान में अब तक देश-विदेश से आए लगभग 2 करोड़ श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर चुके हैं।
दिव्य और डिजिटल महाकुंभ की परिकल्पना
प्रधानमंत्री मोदी की अपेक्षाओं के अनुरूप इस महाकुंभ को दिव्य, भव्य और डिजिटल स्वरूप दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में इसे स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित कुंभ बनाने का प्रयास किया गया है। महाकुंभ क्षेत्र को 10,000 एकड़ में बसाया गया है, जिसमें पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं के लिए रहने, भोजन, बिजली-पानी, सफाई और सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
टेक्नोलॉजी और डिजास्टर मैनेजमेंट का उपयोग
- 24×7 कंट्रोल रूम संचालन में है।
- पूरे क्षेत्र को कैमरे और एआई तकनीक से स्कैन किया गया है।
- भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक मैनेजमेंट और खोया-पाया सेवा में तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- गूगल लोकेशन और यूपीआई जैसी डिजिटल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
- आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान सक्रिय है।
सुरक्षा और प्रबंधन
महाकुंभ की सुरक्षा के लिए 60,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में विभाजित किया गया है ताकि व्यवस्थाओं का सुचारू संचालन हो सके।
महाकुंभ: आस्था, एकता और तकनीक का संगम
यह आयोजन 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु इस आध्यात्मिक संगम का हिस्सा बनेंगे। महाकुंभ 2025 न केवल भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक और प्रबंधन कौशल का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।