Home Uttar Pradesh 2023 में धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक छलांग

2023 में धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक छलांग

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वैश्विक पर्यटन का आकार 2032 तक 2.2 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, और भारत इसमें अहम भूमिका निभाएगा। इस भूमिका में उत्तर प्रदेश का योगदान खास तौर पर उल्लेखनीय होगा। इसके पीछे भगवान राम, श्रीकृष्ण और मां विंध्येश्वरी धाम जैसे धार्मिक स्थलों का समृद्ध इतिहास और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर है।

अयोध्या, श्रीराम की जन्मभूमि, चित्रकूट जैसे उनके वनवास स्थल, मथुरा-वृंदावन और बरसाना-नंदगांव जैसी श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थानों के साथ-साथ काशी विश्वनाथ, तीरथराज प्रयाग और मां विंध्यवासिनी धाम जैसे अनगिनत पवित्र स्थलों ने उत्तर प्रदेश को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और प्रयासों ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।

काशी और अयोध्या: धार्मिक पर्यटन का स्वर्णिम युग

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की पहल के तहत काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद, वाराणसी ने 2023 में 10 करोड़ से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया। इसी तरह, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर के कारण यहां हर दिन लगभग 1 से 1.5 लाख पर्यटक और श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह संख्या देश के किसी भी अन्य धार्मिक स्थल से अधिक है।

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उदाहरण के तौर पर, पंजाब के स्वर्ण मंदिर में प्रतिदिन करीब 1 लाख लोग आते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर की वैष्णो देवी यात्रा पर रोजाना 32 से 40 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन, न केवल देश बल्कि दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ रहा है।

वाराणसी-प्रयागराज को मिलाकर बनेगा नया धार्मिक क्षेत्र

योगी सरकार अब नीति आयोग के सुझाव पर वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक नया धार्मिक क्षेत्र विकसित करने जा रही है। इसमें चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर और भदोही जैसे जिले भी शामिल होंगे। करीब 22 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र का सीधा असर लगभग 2.38 करोड़ लोगों के जीवन पर पड़ेगा।

यह परिकल्पना धार्मिक पर्यटन को नए पंख देगी। योगी सरकार का ध्यान न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर है, बल्कि इन क्षेत्रों के बुनियादी विकास पर भी है।

औद्योगिक और आर्थिक विकास का नया आयाम

अयोध्या और रामसनेही घाट के बीच एक नया इंडस्ट्रियल सेक्टर बनाया जा रहा है। इसी तरह, प्रयागराज और वाराणसी धार्मिक क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र और नॉलेज पार्क की योजना तैयार की गई है। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

इस पहल से पूर्वांचल के विकास को भी नया आयाम मिलेगा। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करते हुए, राज्य आर्थिक तरक्की के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह विजन न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को प्रेरित कर रहा है।

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