उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र के दौरान विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी, को जमकर घेरा। उन्होंने अपनी शायरी के जरिए विपक्षी नेताओं को आईना दिखाते हुए कहा,
“बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं। जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।”
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के आयोजन पर विपक्ष के झूठे दावों को नकारते हुए कहा कि इस आयोजन में 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जबकि विपक्ष महाकुम्भ और सनातन धर्म के खिलाफ अनर्गल बातें कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह महाकुम्भ किसी पार्टी विशेष या सरकार का आयोजन नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है। सरकार केवल सेवक के रूप में कार्य कर रही है।”
महाकुम्भ: समाज का आयोजन, सरकार का सहयोग
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को जवाब देते हुए यह भी कहा कि सरकार “सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन” कर रही है, और यह महाकुम्भ “भारत की सनातन परंपराओं और श्रद्धाओं का सम्मान” करने का अवसर है। उन्होंने इस आयोजन को देश और दुनिया के सहयोग से सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने वाला बताया।
श्रद्धालुओं की दुर्घटनाओं पर संवेदना
मुख्यमंत्री ने 29 जनवरी की भगदड़ और अन्य दुर्घटनाओं में श्रद्धालुओं के मारे जाने पर दुख जताया। उन्होंने कहा, “हम उनके परिवारजनों के साथ खड़े हैं और हरसंभव मदद करेंगे”। वहीं, उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या इस पर राजनीति करना उचित है?”
अफवाहों का पर्दाफाश
मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे काहिरा, नेपाल, झारखंड जैसी जगहों की दुर्घटनाओं को महाकुम्भ से जोड़कर दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि “ऐसे अफवाह फैलाने वाले लोग कौन हैं?”
हिंदी और स्थानीय बोलियों का सम्मान
सीएम ने नेता प्रतिपक्ष को तंज करते हुए कहा, “यह ऊर्दू नहीं, हिंदी है”, और “समाजवादी संस्कार” के तहत हर अच्छे काम का विरोध करने की आदत पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने बताया कि “सदन में हिंदी और स्थानीय बोलियों को सम्मान दिया गया है” और “यह किसी पर दबाव नहीं था, बल्कि एक सुविधा थी”।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादियों की आदत है कि वे जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं और “उनके विरोध का मैं उपहास नहीं उड़ाता, क्योंकि मुझे उनकी आदत मालूम है”।