अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज सदन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमारी तीन पीढ़ियों ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया है। हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं, अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी तो कोई समस्या नहीं।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक और धार्मिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
‘दीपोत्सव अब भव्य महोत्सव बन चुका है’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव अब एक भव्य महोत्सव बन चुका है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा, “जब हमने दीपोत्सव शुरू किया, तब कई चुनौतियां थीं। एक धारणा बनी थी कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद खड़ा हो सकता है। कुछ लोगों ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा उठेगा, लेकिन मैंने साफ कहा कि हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं। अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी छोड़नी पड़े, तो कोई समस्या नहीं।”

अखिलेश यादव पर अप्रत्यक्ष हमला?
योगी आदित्यनाथ के इस बयान को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है। गौरतलब है कि सोमवार को मुख्यमंत्री अयोध्या पहुंचे थे, जहां उन्होंने रामलला और हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया।
अयोध्या के संतों ने की सीएम योगी की सराहना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर अयोध्या के साधु-संतों ने भी प्रतिक्रिया दी। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, “योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं, बाद में मुख्यमंत्री। उनकी तीन पीढ़ियां राम मंदिर के लिए समर्पित रही हैं। जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने कहा था कि अगर राम मंदिर के लिए कुर्सी भी छोड़नी पड़े, तो कोई दिक्कत नहीं।”
वहीं, राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सराहनीय कार्य किए हैं। उत्तर प्रदेश की 27 करोड़ जनता का सौभाग्य है कि उन्हें ऐसा मुख्यमंत्री मिला है।