अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा टैरिफ (Import duty) लगाने के फैसले ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। वहीं, जिम्बाब्वे ने Trump प्रशासन को खुश करने के लिए अमेरिकी आयात पर टैरिफ हटाने का ऐलान कर सबको चौंका दिया।
दूसरी ओर, कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने Trump के टैरिफ को आत्मघाती कदम बताया है और चेतावनी दी है कि इसका सबसे बड़ा नुकसान खुद अमेरिका को झेलना पड़ेगा।
शेयर बाजारों में मची अफरा-तफरी
Trump की घोषणा के बाद सोमवार को वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 6.3% और हांगकांग का हैंग सेंग 10% गिर गया। भारतीय बाजार भी 5% तक टूट गया। अमेरिका में S&P 500 को 2020 के बाद सबसे खराब सप्ताह का सामना करना पड़ा। जेपी मॉर्गन ने चेतावनी दी कि इन टैरिफ्स से अमेरिका समेत पूरी दुनिया में मंदी की आशंका 60% तक बढ़ गई है।
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जिम्बाब्वे ने टैरिफ हटाए
जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्शन म्नांगागवा ने ट्रंप की नाराजगी से बचने के लिए अमेरिकी आयात पर से टैरिफ हटा लिए हैं। माना जा रहा है कि यह कदम अमेरिका के साथ बेहतर संबंध बनाने की कोशिश है, हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि इससे जिम्बाब्वे को खास लाभ नहीं होगा।
कनाडा का करारा जवाब
कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने साफ शब्दों में कहा कि यह नीति अमेरिका और कनाडा दोनों के लिए नुकसानदेह होगी। उन्होंने कहा कि इससे नौकरियां जाएंगी, महंगाई बढ़ेगी और अमेरिका मंदी की ओर बढ़ेगा।
ट्रंप का दावा
Trump का कहना है कि टैरिफ अमेरिका में नौकरियां और निवेश वापस लाएंगे। उन्होंने आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि कभी-कभी इलाज के लिए कड़वी दवा जरूरी होती है। उनके मंत्रियों ने भी टैरिफ नीति का समर्थन किया है, लेकिन दुनिया की प्रतिक्रिया से साफ है कि यह “दवा” बाजारों को बुरी तरह कड़वी लग रही है। ट्रंप के टैरिफ फैसले से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं हिल गई हैं, और इसके असर का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि यह “आर्थिक दांव” अमेरिका को फायदा पहुंचाता है या दुनियाभर के लिए नई परेशानी बनकर सामने आता है।