बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपने पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) अभियान के जरिए दलितों का राजनीतिक लाभ के लिए शोषण कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, दलित नेताओं को आगे लाकर राज्य में तनाव और हिंसा का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।
एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए मायावती ने लिखा,
“सपा, अन्य दलों की तरह, दलितों को राजनीतिक टूल बनाकर उपयोग कर रही है। वे जानबूझकर विवादास्पद बयान, आरोप-प्रत्यारोप और कार्यक्रमों के जरिए राजनीतिक स्वार्थ साधना चाहती हैं। यह सब सपा की गहरी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिससे सामाजिक तनाव पैदा हो सके।”
दलित, पिछड़े और मुस्लिम समुदाय को सावधान रहने की सलाह
मायावती ने दलितों के साथ-साथ पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समुदायों को भी सपा की “राजनीतिक चालों” से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा,
“सपा दलित वोट पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। इसलिए इन समुदायों को उनके झूठे वादों और राजनीति से सावधान रहना चाहिए।”
Also Read-ममता ने योगी को ये क्या कह दिया , अब होगा बंगाल में असली खेल , शाह ने कर ली पूरी तैयारी !
राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी पर जताई नाराजगी
सपा राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राजपूत शासक राणा सांगा पर की गई टिप्पणी पर मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अन्य समुदायों के प्रतीकों पर टिप्पणी करने के बजाय, दलित नेताओं को अपने संतों, गुरुओं और महापुरुषों के संघर्षों पर लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
उन्होंने कहा,
“अगर दलित समाज के लोग, विशेष रूप से राजनीति में सक्रिय लोग, अपने महान व्यक्तित्वों के इतिहास और संघर्ष के बारे में जागरूकता फैलाएं, तो यही असली सशक्तिकरण होगा।”
बसपा का पलटवार ऐसे समय में, जब सपा पीडीए को मजबूत करने में जुटी है
मायावती का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में पीडीए वर्ग – पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। बसपा प्रमुख के इस तीखे वार से साफ है कि आने वाले चुनावी मौसम में दलित राजनीति को लेकर बड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।