समाजवादी पार्टी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा गया हैं। पत्र में अमित शाह से मांग की गयी हैं कि पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिए गए सुरक्षा कवर के स्तर को जाये। पार्टी ने कहा है कि अखिलेश यादव को Z+ सुरक्षा कवर प्रदान किया गया है, जो पर्याप्त नहीं है, उनका राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानिकि (NSG) सुरक्षा कवर बहाल किया जाए। बता दें कि Z+ सुरक्षा व्यक्ति-विशेष की सुरक्षा के लिए होती है, जिसमें कई सुरक्षा कर्मी उनकी सुरक्षा करते हैं।
ALSO READ ममता ने योगी को ये क्या कह दिया , अब होगा बंगाल में असली खेल , शाह ने कर ली पूरी तैयारी !

NSG सुरक्षा उन परिस्थितियों में दी जाती है जहां पूरे देश या बड़े समूह की सुरक्षा को खतरा हो और यह एक विशेष बल के रूप में कार्य करता है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर अचानक सपा को ऐसा क्यों लगा कि अखिलेश यादव को जान की खतरा हैं ,तो इस सवाल का जवाब सपा ने चिठ्ठी में लिखी हैं। समाजवादी पार्टी के द्वारा लिखी गयी चिठ्ठी में लिखा गया हैं कि महोदय मान्यवर आपका ध्यान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव जी की सुरक्षा के तरफ आकृष्ट कराना चाहता हूं माननीय जी को पूर्व में z+ प्लस सुरक्षा के साथ-साथ एनएसजी कवर सुरक्षा प्राप्त थी, जिसमें पूर्व में एनएसजी को हटा दिया गया था . मान्यवर समाजवादी पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है ,,अखिलेश यादव जी को देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रम में जाना पड़ता है,, जिस तरह से एक व्यक्ति के द्वारा न्यूज़ चैनल पर कैमरे के सामने खुलेआम अखिलेश यादव जी को मारने की धमकी दी गई एवं एक बीजेपी के नेता द्वारा अखिलेश यादव जी को जान से मारने की धमकी दी गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है .

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इन व्यक्तियों पर किसी भी तरह की कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जो बेहद निंदनीय एवं चिंता का विषय है अतः आपसे निवेदन है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी की z प्लस सुरक्षा के साथ-साथ पूर्व की भांति एनएसजी कबर की सुरक्षा प्रदान किए जाने के लिए आदेश देने की कृपा करें। आइये अब आपको बताते है कि Z प्लस सुरक्षा और एनएसजी कवर सुरक्षा में अंतर क्या है और अभी भारत बम किन लोगों एनएसजी सुरक्षा मिली हुई हैं। सबसे पहले Z+ प्रोटोकॉल पर बात कर लेते हैं। Z+ सुरक्षा भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली एक उच्चतम स्तर की सुरक्षा है, जिसमें ज्यादा संख्या में पुलिस सुरक्षा बल और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड शामिल होते हैं। Z+ सुरक्षा में व्यक्ति के चारों ओर 20-30 सशस्त्र सुरक्षा कर्मी तैनात होते हैं, जिनमें से कुछ सीआईडी (CID), कुछ कमांडो और कुछ अन्य उच्च सुरक्षा बल के सदस्य हो सकते हैं। यह सुरक्षा एक व्यक्तिगत सुरक्षा सेवा है, जो सरकार द्वारा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है, जैसे कि देश के प्रमुख नेता, उद्योगपति या अन्य उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी।अब बात कर लेते है NSG सुरक्षा प्रोटोकॉल पर। NSG भारत सरकार का एक विशेष बल है, जो आतंकी हमलों, हिंसक घटनाओं, हाईजैकिंग या किसी भी अन्य प्रकार के खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित होता है।

NSG का मुख्य उद्देश्य देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, खासकर उन स्थितियों में जब सामान्य पुलिस या अन्य बलों से निपटना कठिन हो। NSG के सदस्य कॉम्बेट ऑपरेशंस, हाईजैकिंग रेस्क्यू मिशन और स्ट्राइक ऑपरेशंस में विशेषज्ञ होते हैं। इनका मुख्य काम ज्यादा चुनौतीपूर्ण और खतरनाक परिस्थितियों में सुरक्षा मुहैया कराना होता है। NSG में स्नाइपर, कमांडो और ब्लैक कैट कमांडो जैसे विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिक होते हैं जो किसी भी प्रकार की आतंकवादी घटना से निपटने में सक्षम होते हैं। आइये अब आपको बताते हैं कि भारत में किन लोगों को NSG कमांडो की सुरक्षा मिली हुई हैं। बता दे कि NSG कमांडो की सुरक्षा बल अभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और DPAP के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को भी NSG कमांडो द्वारा सुरक्षा प्रदान किया गया है।