Home Uttar Pradesh जातिगत जनगणना पर बोले संजय निषाद: “यह सामाजिक न्याय की क्रांति है,...

जातिगत जनगणना पर बोले संजय निषाद: “यह सामाजिक न्याय की क्रांति है, PM मोदी का आभार”

15
0

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया डॉ. संजय निषाद ने जातिगत जनगणना के फैसले का जोरदार समर्थन किया है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम बताया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।

डॉ. निषाद ने कहा कि वह लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने रेल रोकी, प्रदर्शन किया, जेल गए और प्रधानमंत्री से मिलकर इसके महत्व को समझाया।

कांग्रेस, सपा और बसपा पर निशाना

डॉ. निषाद ने कहा कि 1951 में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना बंद की, लेकिन कभी नहीं बताया कि क्यों। उन्होंने आरोप लगाया कि 1961 में हमारी जनसंख्या 70 लाख थी, लेकिन 2011 में घटाकर सिर्फ 7 हजार दिखा दी गई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा ने हमेशा पिछड़े और वंचित वर्गों के साथ अन्याय किया। साथ ही यह भी जोड़ा कि निषाद समाज को ओबीसी में डालना गैर-संवैधानिक था।

Also Read-योगी सरकार की बड़ी पहल: सभी मंडलों में खुलेंगी हाईटेक फूड और ड्रग टेस्टिंग लैब्स

आरक्षण और आंकड़ों की सच्चाई

जातिगत जनगणना के बाद 50% आरक्षण की सीमा बढ़ाने की संभावना पर डॉ. निषाद ने कहा कि कुछ जातियां अपनी जनसंख्या से 100 गुना ज्यादा सरकारी नौकरियों में हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार की जनगणना में कुछ जातियों की संख्या जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई और बाकियों को दशमलव में सिमटा दिया गया।

आधार से जोड़ने की मांग

डॉ. संजय निषाद ने सुझाव दिया कि जातिगत जनगणना को आधार कार्ड से जोड़ा जाए ताकि हर व्यक्ति की पूरी जानकारी – गांव, निवास, पहचान – दर्ज हो सके।

विपक्ष पर हमला

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जब सत्ता में थे तो कुछ नहीं किया, अब खिसियाकर बोल रहे हैं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट भी इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएगा और जो वर्ग पहले से लाभ ले चुका है, उसे अलग कर वंचितों को हक मिलेगा।यह जातिगत जनगणना, सिर्फ आंकड़े नहीं बल्कि सामाजिक संतुलन और न्याय का मार्ग प्रशस्त करेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here