फिल्म अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ देशद्रोह मामले में एक बार फिर कानूनी संकट गहराता नजर आ रहा है। एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा केस खारिज किए जाने के बाद अब यह मामला जिला अदालत (सत्र न्यायालय) में पहुंच गया है, जहां 2 जून 2025 को इस पर बड़ी सुनवाई होगी।
यह मामला राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा 11 सितंबर 2024 को दर्ज कराया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कंगना ने अपने बयानों में देश के किसानों, स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया, जिससे जनता की भावनाएं आहत हुईं।
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एमपी-एमएलए कोर्ट ने 6 मई 2025 को यह कहते हुए वाद खारिज कर दिया था कि वादी या उनके परिजन किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं थे और राज्य सरकार से पूर्व अनुमति भी नहीं ली गई थी। कोर्ट ने यह भी बताया कि कंगना को कुल्लू और दिल्ली स्थित पते पर तीन बार नोटिस भेजे गए थे।
अब वादी पक्ष ने इस फैसले को चुनौती देते हुए रिवीजन याचिका जिला अदालत में दाखिल की है, जिस पर आने वाली 2 जून को अहम सुनवाई होनी है। अगर अदालत वादी के पक्ष में फैसला देती है, तो कंगना के लिए यह मामला फिर से कानूनी मुसीबत बन सकता है।