उत्तर प्रदेश एक बार फिर महिला सुरक्षा के मामले में देशभर में सबसे आगे निकल गया है। भारत सरकार की ITSSO (Investigation Tracking System for Sexual Offences) की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी महिला अपराधों के निस्तारण और चार्जशीट फाइलिंग के मामले में देश के बड़े राज्यों में पहले नंबर पर है।
2018 में सातवें नंबर से अब टॉप पर
2018 तक जहां यूपी इस रैंकिंग में सातवें और दसवें स्थान पर था, वहीं योगी सरकार के नेतृत्व में आज राज्य ने लगातार टॉप रैंक हासिल की है। ITSSO रिपोर्ट (21 अप्रैल 2018 से 3 जून 2025) के अनुसार, यूपी में दर्ज 1,22,130 मामलों में से 98.60% मामलों का समाधान हो चुका है।
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केंद्र शासित राज्यों को छोड़ दें तो –
- उत्तर प्रदेश – 98.60%
- दिल्ली – 97.60%
- हरियाणा – 97.20%
चार्जशीट दाखिल करने की दर (Compliance Rate)
- गोवा – 88.50%
- दमन दीव – 88.30%
- उत्तर प्रदेश – 80.60% (बड़े राज्यों में नंबर 1)
2018 में यूपी इस लिस्ट में 10वें स्थान पर था।
लंबित मामलों में सबसे बेहतर प्रदर्शन
यूपी का पेंडेंसी रेट सिर्फ 0.20% है – यानी देश में सबसे कम!
वहीं तमिलनाडु (58%), बिहार (34.5%) और मणिपुर (65.7%) जैसे राज्यों में ये दर बहुत अधिक है।
योगी सरकार का सख्त एक्शन प्लान
- हर महीने केसों की समीक्षा
- एएसपी स्तर के अधिकारी पॉक्सो मामलों की मॉनिटरिंग
- लंबित केसों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फॉलोअप
- लापरवाह IO पर विभागीय कार्रवाई, बेहतरीन काम करने वालों को सम्मान
- IO के लिए नियमित ट्रेनिंग और लीगल वर्कशॉप्स
महिला सुरक्षा – सीएम योगी की प्राथमिकता
महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान ने कहा, “बेटियों की सुरक्षा सीएम योगी की टॉप प्रायोरिटी है। यही वजह है कि आज उत्तर प्रदेश पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल बन चुका है।”