हिंदू समाज में आस्था की प्रतीक और शक्ति की प्रतीक मां काली को लेकर एक बार फिर बवाल हो गया है। दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon पर एक किताब बिक रही है “Kali Ma: A Collection of Short Stories”, जिसके कवर पर मां काली को फांसी पर लटकते हुए दर्शाया गया है। ये दृश्य न केवल हिंदुओं की भावनाओं को आहत करता है, बल्कि पूरी सनातन संस्कृति के अपमान का एक बेशर्म प्रयास है।इस पर विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी आपत्ति जताई है।

संगठन ने इस कृत्य को “हिंदू धर्म के करोड़ों अनुयायियों के साथ खुलेआम किया गया अन्याय” करार दिया है। वीएचपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “मां काली को इस तरह चित्रित करना असहनीय है और यह भारत के हर हिन्दू का अपमान है। हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।इस किताब का लेखक एक अमेरिकी नागरिक है जो पहले भी 2019, 2022 और 2023 में ऐसे आपत्तिजनक चित्र और कहानियां प्रकाशित कर चुका है। आख़िर उसे हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने का हक़ किसने दिया है? क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी का अर्थ यह है कि किसी धर्म की भावना को बार-बार रौंदा जाए?वीएचपी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि—Amazon का भारत में लाइसेंस रद्द किया जाए. किताब की बिक्री तुरंत बंद हो.अमेरिका सरकार पर दबाव बनाकर लेखक की गिरफ्तारी करवाई जाए,,,,भारत में इस किताब को बेचने पर मुकदमा दर्ज हो,हिन्दू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस पर जल्द कार्रवाई नहीं होती तो देशभर में बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा.आस्था का अपमान अब सहन नहीं किया जाएगा। मां काली का यह अपमान करोड़ों हिंदुओं के दिल में आग लगा रहा है।”