आज 25 जून है, वही तारीख जब 1975 में देश में आपातकाल लगाया गया था। इस मौके पर देशभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे गंभीर समय बताते हुए कहा कि आज भी देश में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है।
राजेंद्र चौधरी ने कहा, आपातकाल वो दौर था जब बोलना, लिखना, सच कहना , सब पर पाबंदी थी। प्रेस की आज़ादी खत्म कर दी गई थी। उस समय का संघर्ष एक तरह से दूसरा स्वतंत्रता संग्राम बन गया था। मैंने उस आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और वह समय लोकतंत्र पर गहरा हमला था।उन्होंने कहा कि आज भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। “जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ झूठे मुकदमे लगाए जाते हैं और उसे जेल में डाल दिया जाता है। अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में है। आज भी सच्चे राजनीतिक स्वतंत्रता का अभाव महसूस होता है।
CM योगी ने इमरजेंसी को बताया लोकतंत्र का “काला दिन”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 50वीं बरसी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने 25 जून 1975 को लोकतंत्र का काला दिन बताया। एक्स (Twitter) पर उन्होंने लिखा,25 जून, 1975 भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस है। आज ही के दिन कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व नागरिक अधिकारों का गला घोंटने का कुत्सित कार्य किया था। लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष करने वाले सभी महान सेनानियों को कोटिशः नमन।इस तरह इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर देश में एक बार फिर लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक आज़ादी को लेकर बहस छिड़ गई है।