उत्तर प्रदेश में त्योहार अब सिर्फ श्रद्धा का नहीं, सख़्ती का भी चेहरा बनते जा रहे हैं। योगी सरकार ने मोहर्रम और कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं—जिन्होंने एक बार फिर राज्य की सियासत में गर्माहट पैदा कर दी है।सरकार के अनुसार, मोहर्रम के जुलूसों में अब किसी भी प्रकार के हथियार नहीं लहराए जाएंगे ,न ही कोई भड़काऊ नारे लगने दिए जाएंगे।
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यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि मोहर्रम के जुलूसों के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या टकराव से बचा जा सके। सरकार और प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि मोहर्रम का त्योहार शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाया जाए। इसके अलावा, ताजिया के आकार को भी पारंपरिक रखने के निर्देश दिए गए हैं और किसी भी नए प्रकार की प्रथा को शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकारी भवनों पर काले झंडे लगाने और किसी भी प्रकार की नारेबाजी पर भी रोक लगाई गई है। प्रशासन का तर्क है कि यह फैसला कानून व्यवस्था बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए लिया गया है।वहीं, दूसरी ओर, कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने का आदेश, और सभी खानपान विक्रेताओं को अपनी दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है।