उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों एवं महानगर अध्यक्षों की सूची बृहस्पतिवार रात जारी कर दी गई है। लखनऊ में जिलाध्यक्ष बदल दिया गया है, जबकि महानगर अध्यक्षों को दोबारा मौका मिला है। रायबरेली, सुल्तानपुर और अमेठी के जिलाध्यक्ष को भी दोबारा मौका दिया गया है, जबकि शहर अध्यक्ष बदल दिए गए हैं। अमेठी में अभी शहर अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है। अब तक जारी सूची में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को करीब 60 फीसदी की हिस्सेदारी मिली है। जिन स्थानों पर महानगर अध्यक्ष को लेकर विवाद की नौबत थी, वहां अभी नाम की घोषणा नहीं की गई है। जिलाध्यक्षों में ज्यादातर उन नेताओं को मौका दिया गया है, जो निरंतर पार्टी में सक्रिय रहे हैं। जबकि महानगर अध्यक्ष बनाते समय संबंधित शहर के सियासी समीकरण का ध्यान रखा गया है।
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समाजवादी पार्टी के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक समीकरण को कांग्रेस भी साधने का प्रयास कर रही है इंडिया गठबंधन के दोनों प्रमुख दल यूपी में पिछड़े दलित और अल्पसंख्यक पर फोकस कर रहे हैं कांग्रेस लंबे समय से यूपी की सत्ता से बाहर है और यूपी की राजनीति में वेंटिलेटर पर है ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी का पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वाला दावा चलकर कांग्रेस भी अपने पारंपरिक मतदाताओं को अपने पहले में करने में कामयाब रहेगी और इससे कांग्रेस संगठन के साथ-साथ कांग्रेस की वर्तमान राजनीति भी बदलेगी
सपा ने स्वागत किया
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के फैसले पर कहा कांग्रेस भी इंडिया गठबंधन का प्रमुख दल है समाजवादी पार्टी के समीकरण को अगर कांग्रेस अपने एजेंट में शामिल कर रही है तो यह बहुत बेहतर है क्योंकि समाजवादी पार्टी प्रदेश में लगातार पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों के हक अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रही है
भाजपा ने कहा जनता को कांग्रेस पर भरोसा नही
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश द्विवेदी ने कांग्रेस के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वाले गांव पर पलटवार करते हुए कहा कांग्रेस के प्रति जनता का विश्वास नहीं है जनता कांग्रेस पर विश्वास नहीं कर रही है कांग्रेस हास्य पर है कांग्रेस कुछ भी करें लेकिन आम जनता का भरोसा कांग्रेस से उठ चुका है और जनता को कांग्रेस पर भरोसा नहीं हैl