नाम व्यक्ति की पहचान होती है ,,माता पिता अपने बच्चे का नाम इस लिये रखते हैं कि आगे चलकर हमारा बच्चा खानदान का नाम रोशन करेगा ,लेकिन जब यही नाम मौत का पैगाम बन जाये तो लोग नाम रखने से डरने लगेंगे ,,जी हा जम्मू कश्मीर में नाम ही लोगो के जीवन का दुश्मन बन गया ,जिनका नाम के पीछे हिन्दू जुड़ा था उनके जीवन को नरभक्षी आतंकियों ने उनसे छीन ली ,और जिनके नाम के पीछे खान पठान अंसारी सिद्दीकी ,मोहमद था उनको जीवनदान मिल गया ,क्योकि वो उन आतंकियों के धर्म से थे . जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने टूरिस्टों को निशाना बनाया. इस हमले में अब तक 28 मौतें हुई हैं. जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट हैं. मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग भी बताए जा रहे हैं। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है। ये घटना मानवता को शर्मशार कर देना वाला हैं .
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इस घटना की जितनी निंदा की जाये वो कम हैं ,,,क्योंकि कश्मीर में धर्म पूछकर, सिर्फ हिन्दू पहचान के कारण निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया गया. यह केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि एक तरीके का जिहाद हैं । इससे पहले कश्मीर की धरती कई बार हिन्दुओ के खून लाल हुई ,,, बीते डेढ़ दशक यानी 15 वर्षों की बात करें तो इस तरह का यह 11वां बड़ा हमला है. जिनमें अभी तक 227 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इस केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुआ सबसे बड़ा हमला बताया। आतंकियों की तलाश में सेना जुट गई है। लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए गए हैं। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हाई लेवल मीटिंग के लिए भी पहुंच कर जायजा भी लिया।हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में ही रद्द कर भारत लौटने का निर्णय लिया और दोषियों को सख्त सजा देने का आश्वासन दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की कड़ी निंदा हुई है; अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “गंभीर और दुखद” करार दिया और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की हैं ,,यही नहीं पहलगाम में आतंकी हमले से जम्मू कश्मीर की आम जनता भी आहत हैं. इतना ही नहीं, कश्मीर की मस्जिदों से ऐलान किया गया.

इस घटना की मजम्मत की गई. सरकार से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की गई. यह कश्मीर में बदली फिजां का एक और नमूना है. क्योंकि अब वहां आतंकियों के समर्थक नहीं दिखते. पहलगाम हमले के बाद वहां के लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. इसकी गूंज पाकिस्तान तक जरूर पहुंचेगी.हमले के दो घंटे बाद कश्मीर की मस्जिदों से एक ऐतिहासिक ऐलान हुआ. कहा गया, पहलगाम हमला इस्लाम और मानवता के खिलाफ है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और यह हमला कश्मीर की शांति और एकता को नष्ट करने की साजिश है. कश्मीर हमारा साझा घर है और हम इसे आतंकियों के हवाले नहीं होने देंगे. कश्मीर के धर्मगुरुओं ने टूरिस्टों के प्रतिएकजुटता दिखाई और सरकार से आतंकियों के सफाये की मांग की. उन्होंने कहा, ऐसे कायराना हमले करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए,,,जम्मू-कश्मीर के बारामूला में स्थानीय लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया. वहीं श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया. कश्मीर के लाल चौक पर जहां चहल पहल दिखती थी, वहां खाली नजर आया.