पहलगाम में आतंकी हमले के बाद लगातार देश में सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। अब विपक्ष के तमाम बड़े नेता मोदी सरकार से शख्त करवाई की मांग कर रहें हैं। सबका कहना है कि सिर्फ बातों से प्रधान मंत्री जी आश्वाशन न दीजिये ,जल्द ही पाकिस्तान और आतंकियों पर ऐसी करवाई करिये जिससे पाकिस्तान सहित आतंक का नामों निशान मिट जाये। इसी कड़ी में अब यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने गंभीर सवाल सरकार पूछा हैं। सपा चीफ ने पर्यटकों के हवाले से यह सवाल पूछे हैं. उन्होंने इस बहाने भारतीय जनता पार्टी के नेता और झारखंड स्थित गोड्डा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निशिकांत दुबे पर भी निशाना साधा है.
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अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कन्नौज सांसद ने लिखा कि पूछता है पहलगाम का पर्यटक:
- ख़तरों के बीच मेरी रक्षा करनेवाला कोई वहाँ क्यों नहीं था? – कुछ ऐसे लोगों को सरकार की ओर से चारों तरफ़ से चाक-चौबंद सुरक्षा घेरा क्यों दिया जाता है जो बाद में ठग साबित होते हैं? – कोई भी कुछ बनकर इतने संवेदनशील इलाक़े में सुरक्षा कैसे पा सकता है क्या पहले कोई जाँच-पड़ताल नहीं होती है?
- ’जश्नजीवी भाजपाई’ जब यहाँ विवादित निजी कार्यक्रम आयोजित करते हैं तो लगभग 250 वीवीआईपी के लिए हज़ारों सुरक्षाकर्मियों के कई घेरे बना दिये जाते हैं, वो भी उनके निजी कार्यक्रम में जिनका काम किसी और के शब्दों को स्वर देना है. जिनका स्वयं कोई अस्तित्व नहीं है, जो न्यायलय तक की अवमानना करते हैं, ऐसे लोगों को सुरक्षा किस आधार पर मिलती है और पर्यटकों को क्यों नहीं? सपा सांसद ने लिखा कि ये अति गंभीर प्रश्न हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है, उन पर दबाव डालकर बयान भले बदलवा दिये जाएं लेकिन भाजपाई याद रखें ‘बयान बदलवाने से सच नहीं बदल जाता है’.बता दें 22 अप्रैल को कम से कम 5 हथियारधारी आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला होला जिसमें भारतीय वायुसेना में एयरमैन, आईबी अधिकारी और 2 विदेशी नागरिकों समेत कुल 26 लोगों की मौत हो गई. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली. हालांकि बाद में वह अपनी बात से मुकर गया.माना जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक सरकार के दबाव में टीआरएफ हमले पर अपने दावे से पीछे हटा.