Home Political news आगरा में औरंगजेब की हवेली पर चला बुलडोजर तो भड़के अखिलेश यादव,...

आगरा में औरंगजेब की हवेली पर चला बुलडोजर तो भड़के अखिलेश यादव, कह दी बड़ी बात

50
0

आगरा में ऐतिहासिक धरोहर पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने औरंगजेब की हवेली गिराये जाने को लेकर निशाना साधा और केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय से इस मामले में वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि खंडित हिस्से के पुनर्निमाण कराया जाए और जो हिस्सा बचा है उसका सरंक्षण सुनिश्चित किया जाए. सपा अध्यक्ष ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ऐतिहासिक इमारतों पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर निशाना साधा. उन्होंने लिखा- ‘आगरा में अवैध रूप से गिरायी गयी ऐतिहासिक धरोहर के मामले में हमारी संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व विभाग से निम्नलिखित मांगें हैं.

ALSO READ बिहार की सियासत में तेज हुई सियासी गर्मी: लालू का थर्मामीटर और नीतीश की चुप्पी

  1. सभी दोषियों के विरुद्ध मामला दर्ज़ कराएं और वैधानिक रूप से दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें.
  2. प्रशासनिक स्तर पर जो लापरवाही हुई है, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो.
  3. जो हिस्सा खंडित हो गया है, उसके पुनर्निर्माण (रेस्टोरेशन) का काम तुरंत शुरू किया जाए.
  4. ⁠जो शेष बचा है, उसका संरक्षण सुनिश्चित किया जाए.’ उन्होंने लिखा कि भाजपा राज में न इतिहास बच रहा है, न भविष्य बन रहा है.
    दरअसल आगरा में ऐतिहासिक इमारत औरंगजेब की हवेली मुबारक मंजिल को एक बिल्डर ने बुलडोजर चलवा दिया है. जिसे इस इमारत का 70 फीसद हिस्सा ध्वस्त हो गया हैं. ये इमारत 17वीं सदी के मुगल इतिहास की धरोहर थी. जिसका निर्माण औरंगजेब ने सामोगढ़ की लड़ाई में जीत के बाद कराया था. इस हवेली का औरंगजेब के बाद शाहजहां, शुजा और ब्रिटेश अफसरों ने भी इस्तेमाल किया था. इस इमारत को ध्वस्त करने से आसपास के लोगों में आक्रोश है. सितंबर महीने में राज्य पुरातत्व विभाग ने मुबारक मंजिल के सरंक्षण का नोटिफिकेशन जारी किया था. दो हफ्ते पहले अधिकारी इसका निरीक्षण करने भी आए थे. लेकिन, कुछ दिनों बाद ही इस इमारत को तोड़ने का काम शुरू हो गया और इसे बुलडोजर से गिरा दिया गया है. जानकारी के अनुसार राज्य पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद इसे गिरने का काम किया गया. बताते हैं कि इस ऐतिहासिक स्थल का एक महत्वपूर्ण स्थान था, जिसमें मुगलों और ब्रिटिश शासन के दौरान कई बदलाव हुए थे. इस मामले पर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्रवाई की और अब तक बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो चुका है. राज्य पुरातत्व विभाग ने फिलहाल काम को रुकवा दिया है. मुबारक मंजिल मुगल और ब्रिटिश काम से ही चर्चित रही है और औरंगजेब द्वारा सामूगढ़ की लड़ाई में जीत के दौरान इस बिल्डिंग का नाम मुबारक मंजिल पड़ा था, इस मामले पर शिकायतकर्ता कपिल वाजपई ने बताया कि, यह हेरिटेज बिल्डिंग ने जिसे तोड़ा जा रहा है जबकि विभाग में इसको लेकर अधिसूचना जारी की है. इस बिल्डिंग को पिछले काफी समय से तोड़ा जा रहा है. शिकायत करने के बाद भी अधिकारी गुमराह कर रहे थे, इस मुबारक मंजिल जो कि हेरिटेज साइड है उसे यह कह कर तोड़ा जा रहा है कि यह आउटर साइड को तोड़ा गया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here