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अखिलेश यादव का कुंभ और ईवीएम पर बड़ा बयान: “कुंभ में निमंत्रण की जरूरत नहीं, आस्था से आते हैं लोग”

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता। यह आस्था का आयोजन है, जहां लोग खुद ही श्रद्धा से आते हैं। करोड़ों लोगों को निमंत्रण देना संभव नहीं, ऐसे आयोजनों में आस्था ही लोगों को खींच लाती है।”

अखिलेश यादव ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि कुंभ का आयोजन सही तरीके से हो। हमारी पार्टी इस आयोजन में सहायता देने के लिए हमेशा तैयार है। हमने खुद हकीकत की जांच कराई है और जो सच्चाई सामने आई है, वह सबके सामने है।”

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उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद (VHP) पर तंज कसते हुए कहा, “यह जो रोज खुदाई का काम चल रहा है, सीएम हाउस में भी खुदाई कर लें, वहां भी शिवलिंग मिलेगा। यहां तक कि राज्यपाल हाउस में भी अवैध निर्माण हो रहा है।”

जर्मनी का उदाहरण और ईवीएम पर सवाल

अखिलेश यादव ने जर्मनी में बैलट से वोटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि जर्मनी जैसा विकसित देश आज भी बैलट से चुनाव करता है। वहां की सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के उपयोग को असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा, “हमें अपनी वोटिंग प्रक्रिया पर भरोसा बहाल करना होगा। चुनावी प्रक्रिया में ऐसा विश्वास होना चाहिए कि हारने वाला हार स्वीकार करे और जीतने वाला जीत पर भरोसा कर सके।”

उन्होंने आगे कहा, “यह एक लंबी बहस का मुद्दा है। हमें अपनी संस्थाओं पर भरोसा वापस लाना होगा।”

महाकुंभ की तैयारियां अंतिम चरण में

प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। यूपी सरकार इसे लेकर युद्धस्तर पर काम कर रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ की तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। महाकुंभ को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए हर विभाग जुटा हुआ है।

समाजवादी पार्टी का रुख

अखिलेश यादव के इस बयान से यह स्पष्ट है कि उनकी पार्टी महाकुंभ को लेकर गंभीर है, लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार की कार्यशैली और ईवीएम पर भरोसे की कमी को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

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