नई दिल्ली: भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और प्रसिद्ध नीति निर्माता अमिताभ कांत ने जी-20 शेरपा पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने चार दशक से अधिक लंबे सरकारी करियर के बाद अब वह नए अवसरों की तलाश में हैं। उन्होंने यह जानकारी एक भावुक लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से साझा की, जिसका शीर्षक था – ‘मेरा नया सफर’।

अमिताभ कांत ने लिखा, “45 वर्षों की समर्पित सरकारी सेवा के बाद मैंने जीवन में नए अवसरों की ओर बढ़ने का निर्णय लिया है। मुझे जी-20 शेरपा के रूप में सेवा देने और विभिन्न विकास पहलों में योगदान देने का जो अवसर मिला, उसके लिए मैं प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।”
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G20 शेरपा के रूप में ऐतिहासिक भूमिका
अमिताभ कांत को जुलाई 2022 में भारत का जी-20 शेरपा नियुक्त किया गया था, जब देश को इस वैश्विक मंच की अध्यक्षता मिलने जा रही थी। उन्होंने बताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता इतिहास की सबसे समावेशी, महत्वाकांक्षी और कार्रवाई-उन्मुख अध्यक्षताओं में से एक रही। उन्होंने कहा कि “न्यू दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन” पर सर्वसम्मति से सहमति बनाना, भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि रही।
विकास के मुद्दों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित किया
कांत ने बताया कि उनके कार्यकाल में भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, जलवायु वित्त, महिला-नेतृत्व वाले विकास और बहुपक्षीय वित्तीय सुधार जैसे मुद्दों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने इसे एक “अभूतपूर्व और संतोषजनक अनुभव” बताया।
नीति आयोग में निभाई अहम भूमिका
अमिताभ कांत ने 2016 से 2022 तक नीति आयोग के सीईओ के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसी बड़ी योजनाओं को दिशा दी, जिससे देश के 115 पिछड़े जिलों में सामाजिक-आर्थिक सुधार देखने को मिले। उन्होंने इस प्रयास को लाखों नागरिकों के जीवन को बदलने वाला बताया।
आईएएस के 1980 बैच के अधिकारी
केरल कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी कांत, भारत सरकार के उन अधिकारियों में शामिल रहे हैं जिन्होंने देश की आर्थिक नीतियों और वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अब नया अध्याय शुरू करने की तैयारी
अमिताभ कांत ने अपने पोस्ट में संकेत दिया कि वह अब सरकारी सेवा के बाहर नए अवसरों और जिम्मेदारियों की ओर अग्रसर होंगे।