उत्तर प्रदेश सरकार ने गौ पालन को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ‘अमृतधारा स्कीम’ की शुरुआत की है। इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए गो सेवा आयोग की कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस योजना को ग्राम स्तर तक पहुंचाने पर जोर दिया गया। बैठक में आयोग के अध्यक्ष कृष्ण बिहारी गुप्त, पद्मश्री भारत भूषण त्यागी, जैविक ऊर्जा एवं कृषि विशेषज्ञ पीएस ओझा और यूको बैंक के महाप्रबंधक आशुतोष सिंह मौजूद रहे।
क्या है ‘अमृतधारा स्कीम’?
‘अमृतधारा स्कीम’ को यूको बैंक द्वारा किसानों और पशुपालकों की आर्थिक समृद्धि और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। भारत सरकार की पशु कृषि आधारभूत संरचना विकास कोष योजना के तहत यह योजना सभी बैंकों में लागू की गई है। इसका उद्देश्य गोवंश संरक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को अधिक लाभ और आत्मनिर्भरता मिले।
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कैसे मिलेगा किसानों को लाभ?
यह योजना दो भागों में विभाजित है—
छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए
- 2 से 10 गायों के पालन के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध होगा।
- 3 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाएगा।
- किसानों को बैंक खाते से सीधा भुगतान की सुविधा मिलेगी।
- 2 लाख रुपये तक का बीमा कवर भी प्रदान किया जाएगा।
- दुग्ध उत्पादन और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
बड़े चिलिंग सेंटर और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों के लिए
- इस योजना के तहत दुग्ध प्रसंस्करण और चिलिंग सेंटरों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
- इससे छोटे किसानों और पशुपालकों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
कृषि और पशुपालन को मिलेगा नया आयाम
पद्मश्री भारत भूषण त्यागी ने कहा कि कृषि, पशुपालन और प्राकृतिक संसाधनों के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। इस योजना से न सिर्फ किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि पशुपालन और गौ सेवा को भी बढ़ावा मिलेगा। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
गो सेवा आयोग ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए अधिक प्रयास करने की अपील की है, ताकि अधिक से अधिक किसान और पशुपालक इसका लाभ उठा सकें।