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हर मंडल में बने आयुष कॉलेज, योगी आदित्यनाथ ने दिए बड़े निर्देश- आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी को मिलेगी मजबूती

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति को मजबूत करने के लिए कई अहम निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हर मंडल में एक इंटीग्रेटेड आयुष महाविद्यालय की स्थापना की जाए, जहां आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और अन्य पद्धतियां एक ही परिसर में उपलब्ध हों। इसका मकसद पारंपरिक चिकित्सा को आम लोगों तक पहुँचाना और भविष्य की स्वास्थ्य शिक्षा को बेहतर बनाना है।

आयुष को लेकर मुख्यमंत्री के अहम निर्देश:

  • हर जनपद में हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्थापित हों, जो सरकारी या PPP मोड पर संचालित किए जाएं।
  • आयुष संस्थानों में नेचुरोपैथी और योग सेंटर अनिवार्य रूप से बनाए जाएं
  • आयुष के सभी खाली पदों को समय पर भरा जाए ताकि सेवाओं में कोई कमी न रहे।
  • आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण गुणवत्ता और समयसीमा का पालन करते हुए पूरा हो
  • प्रदेश में निर्माणाधीन सभी आयुष परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए

निजी निवेश को भी मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी निवेशकों को भी आयुष सेक्टर में निवेश के लिए प्रेरित किया जाए। निजी क्षेत्र के कॉलेजों और अस्पतालों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब, लाइब्रेरी और स्टाफ की गुणवत्ता का सख्ती से निरीक्षण हो।

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पंचकर्म को मिलेगा बढ़ावा, दवाओं की आपूर्ति होगी दुरुस्त

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आयुर्वेद में पंचकर्म जैसी पद्धतियां गंभीर बीमारियों में कारगर हैं, इसलिए इनका विस्तार किया जाए। साथ ही डाबर, वैद्यनाथ, पतंजलि जैसी कंपनियों से MoU कर दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो।

योग दिवस की तैयारी अभी से शुरू

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए व्यापक तैयारी के निर्देश दिए। हर जनपद, गांव, शहर और विभाग में कार्यक्रम आयोजित हों और प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स की तैनाती की जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग योग से जुड़ सकें।

लगातार मॉनिटरिंग पर जोर

फिलहाल प्रदेश में 2,127 आयुर्वेदिक, 259 यूनानी और 1,598 होम्योपैथिक संस्थान कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संस्थानों की निरंतर निगरानी और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि आयुष सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य का रास्ता है। उत्तर प्रदेश को आयुष के क्षेत्र में देश और दुनिया में अग्रणी बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाएगा।

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