समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज के महाकुंभ में संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई। उनके इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक है, और यह सहिष्णुता की मिसाल है कि कोई भी यहां स्नान कर सकता है, चाहे वह अखिलेश यादव ही क्यों न हों।
मनीष शुक्ला ने उम्मीद जताई कि अखिलेश यादव अब हिंदू धर्म और देवी-देवताओं पर नकारात्मक टिप्पणियां नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि संगम स्नान एक धार्मिक परंपरा है, और इसका सम्मान होना चाहिए।
अखिलेश यादव का धार्मिक यात्रा कार्यक्रम
रविवार को सुबह 11:30 बजे प्रयागराज रवाना हुए… अखिलेश यादव ने संगम में डुबकी लगाने के बाद समाजवादी पार्टी के शिविर का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने साधु-संतों के पंडालों में भी शिरकत की। यह स्नान पहले 23 जनवरी को होना था, लेकिन कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। इससे पहले मकर संक्रांति पर अखिलेश ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया था और घोषणा की थी कि वह अपने परिवार के साथ महाकुंभ में स्नान करेंगे।
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सियासी घमासान शुरू
अखिलेश यादव के महाकुंभ में स्नान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी ने इसे सनातन धर्म की आस्था के साथ जोड़ते हुए तंज कसा, वहीं अखिलेश के इस कदम को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। महाकुंभ का यह धार्मिक कृत्य अब राजनीतिक विवाद का नया कारण बनता नजर आ रहा है।