बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 2024 विवादों में फंस गई है। अभ्यर्थी लगातार परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते प्रदर्शन और लाठीचार्ज जैसे घटनाक्रम देखने को मिले। अब इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों और नेताओं की भी एंट्री हो चुकी है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है। अभ्यर्थी इस आंदोलन को और तेज करने की योजना बना रहे हैं।
1 जनवरी को मशाल जुलूस, 3 जनवरी को मुख्यमंत्री का घेराव
BPSC के अभ्यर्थियों ने 1 जनवरी को पटना की सड़कों पर मशाल जुलूस निकालने की तैयारी कर ली है। इसके अलावा, आंदोलन को और उग्र करने के लिए छात्र सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं। 3 जनवरी को अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करने का ऐलान किया है। इस आंदोलन को विभिन्न छात्र संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है, जिससे यह आंदोलन व्यापक रूप ले सकता है। अभ्यर्थियों की मांग है कि 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर, दोबारा निष्पक्ष तरीके से आयोजित किया जाए।
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तीन लाख 80 हजार अभ्यर्थियों की निगाहें इस फैसले पर
इस विवाद ने लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में डाल दिया है। 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए कुल 4,83,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से करीब 3,80,000 ने परीक्षा में भाग लिया। यह परीक्षा 912 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। अब सवाल यह है कि क्या यह परीक्षा वैध मानी जाएगी या इसे दोबारा कराया जाएगा? बिहार लोक सेवा आयोग का इस मामले में निर्णय लाखों युवाओं के भविष्य को प्रभावित करेगा।
BPSC के इस विवाद ने अभ्यर्थियों के बीच निराशा और आक्रोश पैदा कर दिया है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज हो सकता है, जिसकी प्रदेश और आयोग दोनों पर बड़ी जिम्मेदारी है।