Home Political news भीम की आड़ में बर्बरता, चंद्रशेखर ने बेटी के नाम पर रची...

भीम की आड़ में बर्बरता, चंद्रशेखर ने बेटी के नाम पर रची खौफ की साजिश! योगी ने कर दिया खेल तमाम !

4
0

कौशाम्बी की मासूम बेटी को न्याय दिलाने के नाम पर एक बड़ा राजनीतिक तमाशा रचा गया, जिसकी आड़ में प्रयागराज को हिंसा की आग में झोंक दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में हैं – चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’, जो अपने को बहुजन समाज का मसीहा बताते हैं, लेकिन जिन पर खुद एक गंभीर महिला द्वारा यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप है .वो भी रोहिणी कोर्ट की पीड़िता द्वारा।ऐसे में सवाल उठता है कि जिस व्यक्ति पर खुद एक महिला ने ‘बलात्कार’ जैसा जघन्य आरोप लगाया हो, क्या उसे नैतिकता के आधार पर दूसरों की बेटियों के लिए सड़क पर उतरने का अधिकार है? क्या न्याय के नाम पर राजनीति और अराजकता को बढ़ावा देना, पीड़िता के दर्द को अपनी छवि चमकाने का जरिया बनाना, समाज और कानून दोनों के साथ धोखा नहीं है?प्रयागराज में चंद्रशेखर के नेतृत्व में पहुंचे भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने न्याय की मांग के नाम पर पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी, सड़कों पर हंगामा किया और प्रशासन को खुली चुनौती दी। यह कोई जनआंदोलन नहीं, बल्कि सुनियोजित अराजकता थी, जिसका मकसद था .राजनीतिक लाभ उठाना और राज्य सरकार को बदनाम करना।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के सामने ऐसे तत्वों की कोई जगह नहीं है जो लोकतंत्र के नाम पर अराजकता फैलाएं। योगी सरकार ने जहां पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए त्वरित एक्शन लिया है, वहीं उपद्रवियों पर कड़ा एक्शन तय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा, चाहे वो किसी संगठन से हों या खुद को कितना ही बड़ा नेता मानते हों।चंद्रशेखर रावण जैसे नेता एक ओर तो दलित समाज की पीड़ा का ढोल पीटते हैं, दूसरी ओर अपने संगठन के भीतर महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को रौंदते हैं। रोहिणी कोर्ट की पीड़िता ने बाकायदा मेडिकल रिपोर्ट और कानूनी कार्यवाही के साथ आरोप लगाया, लेकिन मीडिया का एक बड़ा हिस्सा और तथाकथित मानवाधिकार कार्यकर्ता इस मुद्दे पर चुप हैं।कौशांबी की बेटी को न्याय मिलना चाहिए

ALSO READ गगन यादव पर भड़के अखिलेश यादव कहा बीजेपी का आदमी

इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन उस न्याय की लड़ाई को अपवित्र करने का अधिकार किसी चंद्रशेखर रावण को नहीं जो खुद पर लगे बलात्कार के आरोपों से मुंह नहीं धो सके हैं। जो प्रयागराज को जलाकर, पुलिस पर हमला करके, अपनी राजनीति की रोटियाँ सेंकना चाहते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उत्तर प्रदेश अब योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश है – जहां कानून हाथ में लेने वालों के लिए सिर्फ एक जवाब है – कठोर कार्यवाही।समाज को तय करना है कि वो न्याय के नाम पर राजनीति करने वालों का साथ देगा या असली न्याय की मांग करने वालों का।सवाल अब सिर्फ कौशाम्बी की बेटी का नहीं, सवाल अब प्रदेश की शांति और लोकतंत्र की मर्यादा का है।चंद्र शेखर आजाद अभी सर्किट हाउस में नजर बंद है ,,सांसद चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि सरकार के इशारे पर प्रशासन उन्हें पीड़िता से मिलने नहीं दे रहा है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने प्रशासन के सामने दो विकल्प रखे हैं या तो उन्हें सीमित संख्या में पीड़िता के घर जाने दिया जाए, या फिर पीड़िता के परिजनों को सर्किट हाउस लाकर उनसे मिलवाया जाए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here