Home Uttar Pradesh मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, तड़के करोड़ों श्रद्धालुओं...

मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, तड़के करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई अमृत डुबकी

36
0

महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी-हाड़ कंपा देने वाली ठंड और घने अंधेरे के बीच, तीर्थराज प्रयागराज में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ा। देश-विदेश से करोड़ों लोग संगम तट पर पहुंचे और गंगा, यमुना, सरस्वती के पवित्र मिलन पर आस्था की डुबकी लगाई। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर श्रद्धालुओं ने सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की। यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाने वाला था।

नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा ने मोहा मन

पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही अंदाज में अमृत स्नान किया। रथों और घोड़ों पर सवार साधु-संतों की शोभायात्रा ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भजन मंडलियों के गीत और जयघोष से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। यह नजारा श्रद्धालुओं के लिए किसी दिव्य अनुभव से कम नहीं था।

Also Read-अमेरिकी सैनिक से बने संत बाबा मोक्षपुरी की अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा

सिर पर गठरी, बगल में झोला और आस्था से भरी भीड़

तड़के से ही नागवासुकी मंदिर और संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। बुजुर्ग, महिलाएं और युवा, सभी सिर पर गठरी और झोला लेकर गंगा की ओर बढ़ते दिखे। कई श्रद्धालु रातभर जागकर पतित पावनी गंगा में स्नान के लिए पहुंच गए, जहां उनकी श्रद्धा और भक्ति देखते ही बनती थी।

सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़े प्रबंध किए। हर मार्ग पर बैरिकेडिंग और वाहनों की सख्त जांच की गई। डीआईजी कुम्भ वैभव कृष्ण और एसएसपी राजेश द्विवेदी ने घुड़सवार पुलिस के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया। अखाड़ों के साधुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिससे पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रहा।

हर-हर महादेव और जय श्री राम के नारों से गूंजा संगम तट

12 किलोमीटर तक फैले घाटों पर हर-हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष की गूंज सुनाई दी। नागा साधुओं के स्नान के साथ आम श्रद्धालुओं ने भी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। संगम क्षेत्र चारों ओर से श्रद्धालुओं की भीड़ से भरा हुआ था, जहां भक्ति, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की दिव्यता का संदेश फैलाया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here