123 साइबर जालसालों को किया गिरफ्तार,करोड़ो रुपये कराए फ्रीज
लखनऊ: वर्ष 2024 साइबर सेल के लिए बड़ा चुनौती भरा रहा। क्योंकि इस साल कई लोग साइबर ठगी का शिकार हुए। हर रोज लोगों के खातों से रकम गायब होने से साइबर सेल डिपार्टमेंट का रजिस्टर भी भरने लगा, जो काफी चिंता का विषय बन गया। हालांकि, साइबर सेल व साइबर क्राइम थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने जालसाजों से निपटने के लिए मास्टर प्लॉन बनाया और अपनी रणनीति के तहत एक साल में ही 1 अरब से अधिक की रकम रिकवर कर ठगों को मुंह तोड़ जवाब दिया।

बीते वर्ष हुई सबसे ज्यादा रिकवरी
साइबर अधिकारियों के मुताबिक हर साल के मुकाबले वर्ष 2024 में रिकवरी का आंकड़ा सबसे अधिक रहा। इस साल में उन्होंने करीब 1 अरब 22 करोड़ 79 लाख रुपए रिकवर किए हैं। इससे लोगों का भरोसा साइबर डिपार्टमेंट के प्रति काफी बढ़ गया है। रिकवरी की गई रकम सभी खाता धारक पीड़ितों को उनके एकाउंट में पुन: वापस कराने का काम भी कर दिया गया, जिसकी लोगों ने सराहना भी की है।

123 ठग गिरफ्तार,1407 मुकदमे हुए दर्ज
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2024 में साइबर सेल व थाना साइबर क्राइम में कुल 1407 अभियोग दर्ज हुए थे। जिसपर कार्रवाई करते हुए करीब 123 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा कई ठग साइबर डिपार्टमेंट की रडार पर हैं, जिन्हें भी जल्द से जल्द दबोच लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इन ठगों में शामिल 14 लड़के नाबालिग थे।

करोड़ो से अधिक रुपए फ्रीज
अधिकारियों की माने तो रिकवरी के अलावा उन्होंने करीब 21 करोड़ 23 लाख रुपए फ्रीज करवाए हैं। जल्द ही बैंक अफसरों से पेपर वर्क पूरा कर उन्हें भी पीड़ितों को खातों में ट्रांसफर करवा दिया जाएगा। साइबर सेल अफसरों का कहना है कि इस सफलता के लिए टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिसके चलते लोगों की मेहनत की कमाई को उन तक वापस पहुंचाने का काम किया गया। इसके अलावा जिन जालसाजों के खाते के होल्ड करवाया गया है, उनका भी रिकार्ड तैयार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
प्ले-स्टोर से हटवाए गए 14 फर्जी लोन एप
बता दें कि इन सब कार्रवाई के बीच साइबर डिपार्टमेंट ने कुल 1473 से अधिक फर्जी सोशल आईडी बन्द कराते हुये, सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले 612 पोस्ट भी हटावाये गये। इसके अलावा करीब 14 फर्जी लोन एप को प्ले-स्टोर से हटवाए गए। काफी लोग इन एप के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गवां रहे थे। इन एप के जरिए लोगों को मिनटों में लोन दिया जा रहा था। एक बार लोन लेने के बाद इसे संचालित करने वाले जालसाज लोगों को ब्लैकमेल कर मोटी रकम ऐंठ रहे थे।