मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में दिव्यांगजनों को सम्मानित करते हुए उनके अधिकारों और सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘दिव्यांग’ शब्द के जरिए इस वर्ग को गरिमा और प्रेरणा प्रदान की है। ऋषि अष्टावक्र, महाकवि सूरदास, स्टीफन हॉकिंग और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जैसे उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि जब भी इन लोगों को मंच और समर्थन मिला, उन्होंने अपनी अद्भुत प्रतिभा से दुनिया को प्रभावित किया।
दिव्यांगजनों के लिए बड़े कदम
सीएम योगी ने कहा कि राज्य में दिव्यांगजनों के लिए दो विश्वविद्यालय (लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय) संचालित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए अधिक कॉलेज और संस्थान खोलने की आवश्यकता है। इन संस्थानों में प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती, अच्छी सुविधाएं, और तकनीकी प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा।
पेंशन और सुविधाओं में बढ़ोतरी
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2017 से पहले दिव्यांगजनों को केवल ₹300 की पेंशन मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹1,000 कर दिया गया है। वर्तमान में 11 लाख दिव्यांगजन सालाना ₹12,000 पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। कुष्ठावस्था से प्रभावित परिवारों को ₹3,000 मासिक पेंशन और पीएम/सीएम आवास योजना का लाभ भी दिया जा रहा है।

स्वावलंबन के मॉडल
सीएम ने कानपुर देहात के रामचंद्र गुप्ता का उदाहरण देते हुए कहा कि दिव्यांग होते हुए भी वे आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। पेरिस पैरालंपिक में दिव्यांगजनों के शानदार प्रदर्शन को उन्होंने इस बात का प्रमाण बताया।
नए प्रोत्साहन और योजनाएं
सरकार ने मूक-बधिर बच्चों के कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए ₹6 लाख तक की सहायता राशि दी है। कृत्रिम अंग और अन्य उपकरणों के वितरण में तेजी लाई गई है। दिव्यांगजनों की शादी के लिए सहायता राशि भी बढ़ाई गई है, जिसमें पति या पत्नी के दिव्यांग होने पर ₹15,000-₹35,000 तक की मदद दी जा रही है। साथ ही, दुकान निर्माण और संचालन के लिए अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए बड़ी पहल
सीएम ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए बजट में 116% की वृद्धि की गई है। 2016-17 में जहां बजट ₹1295 करोड़ था, अब इसे बढ़ाकर ₹2800 करोड़ कर दिया गया है। छात्रवृत्ति योजनाओं में भी सुधार किया गया है। 2016-17 में जहां केवल 13.64 लाख छात्रों को लाभ मिलता था, अब 19.80 लाख छात्रों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिल रहा है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
सरकारी भवनों में दिव्यांगजनों के लिए रैंप अनिवार्य किए गए हैं। परिवहन निगम की बसों में उनकी नि:शुल्क यात्रा के लिए ₹40 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि सरकार समाज के हर तबके को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र के साथ काम कर रही है।