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अखिलेश के करीबी बाहुबली नेता के बेटे पर , ED की ताबड़तोड़ छापेमारी ,हिल गया प्रदेश

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विपक्ष को जिस बात का डर था वहीं हुआ ,जी हा आज की सबसे बड़ी खबर आपको यूपी से बतायेंगे ,,उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ जिस शहर से आते है वहां पर ed ने जबरदस्त तरीके से छापेमारी को अंजाम दिया हैं .ED के इस छापेमारी से पूरा प्रदेश हिल गया हैं .अब तक देश भर में विपक्ष के 130 बड़े नेताओं के घर पर छापेमारी हो चुकी हैं .विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर ये आरोप लगाता रहा है कि विपक्ष के नेताओ के घर जानबूझकर सरकार ED के द्वारा छापेमारी करवा रहीं हैं .सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के निशाने पर विपक्ष के कई बड़े नेता आ चुके हैं. 10 साल में 95 प्रतिशत विपक्षी नेता ईडी और सीबीआई के शिकंजे में हैं.

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इन नेताओं की लिस्ट में कई बड़े विपक्षी नेता -सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डीके शिवकुमार, संजय राउत, पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम भूपेंद्र हुड्डा,अहमद पटेल,अशोक गहलोत, सचिन पायलट,भूपेश बघेल,,सुखविंदर सिंह उर्फ लाली (जालंधर),,इसके आलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ,मनीष सिसोदिया ,केजरीवाल ,आदि कई बड़े नेता सीबीआई और ईडी के निशाने पर रहें हैं. शायद इसीलिए बीते कुछ समय से विपक्ष का एक बड़ा तबका बार-बार ये दोहराता आया है मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को ‘काबू’ करने के लिए कर रही है.लेकिन हमारी समझ से विपक्ष का ये इल्जाम कोई नया नहीं है. याद करिये जब सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एक टिप्पणी की थी सीबीआई सरकार का तोता है. तब देश में यूपीए की सरकार थी.कांग्रेस पर इसी तरीके के आरोप लगते थे। खैर आज हम बात करेंगे ED ने यूपी में जो छापेमारी की हैं उसकी . बाहुबली और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है. उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. ईडी की टीम ने आज एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की है. ये पूरी छापेमारी करोड़ों के बैंक लोन घोटाले के मामले में की गई है. विनय शंकर तिवारी पर बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बैंकों से लोन लेकर की गई कथित हेराफेरी का आरोप है. इस मामले में CBI पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. अब इस मामले में ईडी ने दबिश दी है. ऐसा कहा जा रहा है कि लोन की रकम को दूसरी जगह डायवर्ट कर निवेश किया गया था.

बता दे कि ED ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के ऑफिसों समेत लखनऊ, गोरखपुर, गुरूग्राम और मुंबई के ठिकानों पर छापा मारा है. ED ने आज सुबह एक साथ 10 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा है. करीब 700 करोड़ के बैंक घोटाला से जुड़ा हुआ ये मामला है. धोखाधड़ी का ये मामला 2012 से 2016 के बीच का है. इससे पहले ईडी ने साल 2024 के फरवरी में भी छापा मारा था.2023 में ही राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था, जिसकी कीमत करीब 72 करोड़ रूपये थी.बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था.

आइये अब आपको बताते है कि आखिर कौन हैं विनय शंकर तिवारी?और उनका सपा से कनेक्शन क्या हैं
पूर्वांचल के बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी को कौन नहीं जनता हैं ,,,,पंडित हरी शंकर तिवारी अपने लंबे सियासी सफ़र में कल्याण सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव की सरकारों में मंत्री रहे हैं ,,,बताया जाता है कि अस्सी के दशक में हरिशंकर तिवारी का इतना दबदबा था कि गोरखपुर मंडल के जो भी ठेके इत्यादि होते थे वो बिना हरिशंकर तिवारी की इच्छा के किसी को नहीं मिलते थे.लेकिन हरिशंकर तिवारी कहते थे कि अपराध से उनका कोई लेना-देना नहीं था.उनके ख़िलाफ़ दो दर्जन से ज़्यादा मुक़दमे दर्ज थे, लेकिन सज़ा दिलाने लायक़ मज़बूती किसी मुक़दमे में नहीं दिखी. लिहाज़ा उनके ख़िलाफ़ लगे सारे मुक़दमे ख़ारिज हो गए. पंडित हरि शंकर तिवारी के बेटे है विनय शंकर तिवारी जिनके घर पर ED ने छापेमारी की है ,,,, विनय शंकर तिवारी, जो चिल्लूपार विधानसभा सीट से बीएसपी विधायक रह चुके हैं. साल 2021 में उन्होंने बीएसपी का दामन छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था, जिस सीट से विनय विधायक चुने गए थे, उसी सीट से उनके पिता हरिशंकर भी 6 बार विधायक चुनकर आए थे.कुल मिलकर पूर्वांचल में पंडित हरि शंकर तिवारी के परिवार का हमेशा दब दबा रहा हैं

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