महाराष्ट्र चुनाव के बाद से लगातार चुनावी प्रक्रिया पर विपक्ष ने सवाल उठाए कांग्रेस लगातार सवाल उठाती रही प्रतिनिधि मंडल बकायदा चुनाव आयोग से मिलकर शिकायतें भी दे चुका लेकिन चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले में बुनियादी तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन अब आखिरकार सोशल मीडिया पर लगातार सवाल उठने के बाद और मेन स्ट्रीम मीडिया में लगातार उंगली उठने के बाद चुनाव आयोग को बोलना ही पड़ा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अब तमाम शिकायतों को सुनने के लिए और उन शिकायतों के निपटाने के लिए तैयार हो गए हैं.
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महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद से विपक्ष ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा रहा है. कांग्रेस ने तो यहां तक ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग कर दी है. वहीं शिवेसना-यूबीटी ने यह दावा किया है कि कई विधानसभा सीटों पर वोटिंग से ज्यादा काउंटिंग हुई है तो कुछ पर वोटिंग से कम काउंटिंग हुई है. कांग्रेस ने दावा किया कि मनमाने ढंग से मतदाताओं का नाम हटाया गया और हर सीट पर 10 हजार से अधिक मतदाता जोड़ा गया है.दूसरी बात महाराष्ट्र में चुनावी हार को लेकर कांग्रेस इतनी व्यथित है कि पार्टी के अधिकतर नेता ईवीएम के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. ईवीएम के खिलाफ माहौल तैयार करने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह हों या हिमाचल सीएम सुखविंदर सुक्खु, सभी ने ईवीएम के खिलाफ बयान देने में कोताही नहीं दिखाई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद राहुल गांधी से ईवीएम के खिलाफ अभियान शुरू करने का आग्रह किया और चुनावों में कागजी मतपत्रों के उपयोग का प्रस्ताव दिया. खड़गे ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी जैसे हाशिये पर रहने वाले समुदायों के वोटों की अनदेखी ईवीएम के कारण हो रही है.दूसरे दल भी कांग्रेस पार्टी की हां में हां मिला रहे हैं. अखिलेश यादव की कोई भी सभा ईवीएम के खिलाफ बोले बिना पूरी नहीं होती है. लोकसभा में बड़ी जीत के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि केंद्र में सपा की सरकार बन जाए तो भी वे यह मानने के तैयार नहीं होंगे कि ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं होती है. महाराष्ट्र में हार के बाद एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि ईवीएम में हेराफेरी साबित करने के लिए सबूतों की जरूरत है. वे इस संबंध में कांग्रेस से बात करेंगी. उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में बुरी तरह से मात खाने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के जरिए फर्जी वोटिग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी भविष्य में उपचुनावों में भाग नहीं लेगी. हालंकि पहले ही 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने भी बैलेट पेपर के उपयोग वाली मांग को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि होता यह है कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं होती. जब आप चुनाव हारते हैं तो ईवीएम में गड़बड़ी होती है.