उत्तर प्रदेश बोर्ड ने अपनी 10वीं और 12वीं की कॉपियों का मूल्यांकन तय समय से तीन दिन पहले ही पूरा कर लिया है। 19 मार्च को शुरू हुए इस मूल्यांकन कार्य को 5 अप्रैल तक पूरा किया जाना था, लेकिन यूपी बोर्ड ने इसे समय से पहले ही पूरा कर लिया। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च 2025 के बीच आयोजित हुई थीं, और इसके बाद पूरे प्रदेश में 261 मूल्यांकन केंद्रों पर कॉपियों की जांच की गई।
इस बार यूपी बोर्ड ने 1 लाख 41 हजार 510 परीक्षकों को कॉपियों के मूल्यांकन के लिए नियुक्त किया था। मूल्यांकन के दौरान कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रखी गई, ताकि प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो। इस साल 10वीं की 1 करोड़ 74 लाख 68 हजार 241 और 12वीं की 1 करोड़ 26 लाख 79 हजार 995 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया।
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अब मूल्यांकन कार्य समाप्त होने के बाद, यूपी बोर्ड जल्द ही रिजल्ट तैयार करेगा, जो उम्मीद है कि 20 अप्रैल के आस-पास घोषित किया जा सकता है। इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में 5,438,597 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 2.74 मिलियन हाई स्कूल और 2.69 मिलियन इंटरमीडिएट के छात्र थे।
परीक्षाओं में 8140 परीक्षा केंद्रों पर 2.91 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई, ताकि नकल और अनुशासनहीनता को रोका जा सके। इस दौरान 30 परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े गए, और 49 छद्म परीक्षार्थी (मुन्ना भाई) भी पकड़े गए। यूपी बोर्ड ने नकल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
यूपी बोर्ड की सचिव भगवती सिंह की अगुवाई में यह परीक्षा प्रक्रिया सुचारू रूप से आयोजित की गई, और पहली बार पूरे प्रदेश में परीक्षा के दौरान सुरक्षा और निगरानी को इस स्तर पर सुनिश्चित किया गया।