देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर किसान जुटने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार की चिंताएं बढ़ाते हुए किसानों ने अपने बड़े आंदोलन का ऐलान कर दिया है। आज, 2 दिसंबर को, किसान संगठनों के 10 ग्रुप नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली की ओर मार्च निकालेंगे। वहीं, कई अन्य किसान संगठन अभी भी अपने “दिल्ली चलो” के आह्वान पर कायम हैं। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू करने की योजना की घोषणा की है।
यह 235 किलोमीटर लंबा मार्च पंजाब के पटियाला जिले के राजपुरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित शंभू बॉर्डर से शुरू होगा। केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेताओं के मुताबिक, वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में यह समूह रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पैदल चलेगा। केएमएम के संयोजक सरवन सिंह पंढ़ेर ने चंडीगढ़ के किसान भवन में दोनों संगठनों की बैठक के बाद कहा, “हाल ही में रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और हरियाणा के कृषि मंत्री ने यह संकेत दिया है कि किसान दिल्ली तक पैदल मार्च कर सकते हैं। हरियाणा और केंद्र सरकार दोनों को अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना चाहिए।”
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गौरतलब है कि किसान इस साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। करीब 297 दिनों बाद उन्होंने एक बार फिर से “दिल्ली चलो” का ऐलान किया है। किसान 12 अन्य मांगों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
पंढ़ेर ने बताया कि शंभू से शुरू होकर यह मार्च 6 दिसंबर को अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर पर पहला पड़ाव करेगा और उसी दिन अंबाला के मोहड़ा में रात्रि विश्राम होगा। इसके बाद, आने वाले दिनों में खानपुर जट्टा और पिपली में भी पड़ाव होगा। उन्होंने कहा, “हम छोटे बैग और जरूरी सामान लेकर चलेंगे। हालांकि, शंभू और खनौरी में धरना जारी रहेगा, और वहां से सिर्फ़ समूहों को भेजा जाएगा। अगर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए कोई स्थायी स्थान मिल जाता है, तो प्रदर्शनकारी राजमार्ग खाली कर देंगे और अपनी मांगें पूरी होने तक उस स्थान पर प्रदर्शन जारी रखेंगे।