झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में मंगलवार रात करीब 10 बजे भयानक आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 से ज्यादा बच्चे झुलस गए।
एक पीड़ित, कुलदीप ने बताया कि 10 दिन पहले ही उनके बेटे का जन्म हुआ था। आग लगने के वक्त वह अपनी पत्नी के साथ लॉबी में बैठे थे, जब नर्स के बच्चे को बुलाने का इंतजार कर रहे थे। आग लगते ही उन्होंने तीन बच्चों को बचाया, जिससे उनका हाथ झुलस गया। लेकिन उनका खुद का बच्चा कहां है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही, घायलों को वर्ल्ड क्लास मेडिकल सुविधा देने का आश्वासन दिया। शुरुआती जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की संवेदना व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी के मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड में लगी आग और नवजात बच्चों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई है। पीएमओ की ओर से जारी बयान में मृतक और घायल बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतक बच्चों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों के परिवारों को 50,000 रुपये की मदद देने की घोषणा की है।
हृदय विदारक! राष्ट्रपति मुर्मू ने व्यक्त किया दुःख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे में कई नवजात शिशुओं की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि शोक संतप्त माता-पिता और परिवारों को इस भारी दुख को सहने की शक्ति दें। साथ ही, घायल शिशुओं के जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
फायर एक्सटिंग्विशर थे एक्सपायर
एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया है कि झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट नहीं, बल्कि लापरवाही थी। उनके मुताबिक, वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप लगाने के लिए एक नर्स ने माचिस की तीली जलाई, जिससे आग भड़क उठी और पूरे वार्ड में फैल गई। हमीरपुर के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी भगवान दास ने बताया कि उन्होंने अपने गमछे से तीन-चार बच्चों को लपेटकर बचाया और अन्य बच्चों को सुरक्षित निकालने में मदद की। वहीं, घटना के दौरान यह भी पता चला कि अस्पताल में फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो चुके थे। उनके सिलेंडर की फिलिंग डेट 2019 और एक्सपायरी डेट 2020 थी। फायर अलार्म भी काम नहीं कर रहे थे, जिससे आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जा सका।
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एग्जिट गेट पर था ताला
झांसी अस्पताल के शिशु वार्ड में लगी आग को लेकर ग्राउंड पर मौजूद लोगों ने बताया कि निको वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से भीषण आग भड़की। उस समय सभी नवजात जीवन रक्षक मशीनों पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। ऑक्सीजन के रिसाव के कारण आग ने तेजी से फैलते हुए विकराल रूप ले लिया।सूत्रों के अनुसार, वार्ड में ऑक्सीजन की वायरिंग बेहद लूज थी, जिससे रिसाव हुआ। हालात को और खराब करने वाली बात यह थी कि वार्ड का एंट्री और एग्जिट गेट ठीक से काम नहीं कर रहे थे। यहां तक कि एग्जिट गेट पर ताला लगा हुआ था, जिससे बाहर निकलने में काफी मुश्किल हुई।
न तो कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति- अखिलेश यादव
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार को कड़े शब्दों में घेरा। उन्होंने एक्स पर लिखा, “10 बच्चों की मौत और कई के घायल होने की खबर बेहद दुखद और चिंताजनक है। पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। आग का कारण ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर में लगी आग बताया जा रहा है। यह या तो चिकित्सा प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही है, या फिर खराब क्वालिटी के उपकरणों का नतीजा। इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनावी प्रचार और ‘सब ठीक है’ के झूठे दावे छोड़कर स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर ध्यान दें। जो माता-पिता अपने बच्चों को खो चुके हैं, उनके दर्द को समझने की ज़रूरत है। सरकार की यह सिर्फ प्रशासनिक ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी है। आशा है कि चुनावी राजनीति करने वाले सच्ची जांच करवाएंगे और स्वास्थ्य विभाग में आमूलचूल बदलाव करेंगे।”
स्वास्थ्य मंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य मंत्री से कुछ कहना व्यर्थ है। उनकी संकीर्ण और सांप्रदायिक राजनीति के चलते प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था आज इस हालत में है। उनके पास न शक्ति है, न इच्छाशक्ति। वे सिर्फ एक नाम मात्र की तख्ती बनकर रह गए हैं।”
गोरखपुर न दोहराया जाए- अखिलेश यादव
बच्चों की मौत पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतक बच्चों के परिवारों से 1-1 करोड़ रुपये की संवेदना राशि देने की मांग की। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, “सबसे पहले यूपी सरकार को झुलसे बच्चों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करनी चाहिए और जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खो दिया है, उन्हें 1-1 करोड़ रुपये की मदद देनी चाहिए। गोरखपुर जैसी त्रासदी को दोहराने से बचा जाए।”
यूपी भ्रष्टाचार ,लापरवाही का अड्डा बन गए हैं- अखिलेश यादव
झांसी के अस्पताल में लगी आग के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार को कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने एक पोस्ट में कहा, “झांसी में हुआ यह दर्दनाक हादसा योगी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण हुआ है। मुख्यमंत्री योगी का ध्यान दंगे-फसाद कर चुनाव जीतने में है, जबकि यूपी के सरकारी अस्पताल भ्रष्टाचार और लापरवाही का अड्डा बन चुके हैं। सीएम योगी के राज में यह दूसरी बड़ी घटना है, जहां मांओं को अपने बच्चों को खोने का दुख सहना पड़ा। पहली गोरखपुर ऑक्सीजन कांड और अब यह हादसा, दोनों ही योगी और भाजपा के भ्रष्टाचार का परिणाम हैं।”
एसएसपी ने कहा, “हम इस घटना के पीछे की वजह और लापरवाही की विस्तृत जांच कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि हादसे के बाद कुछ लोग अपने बच्चों को घर ले गए हैं। NICU में भर्ती बच्चों की स्थिति की जांच की जा रही है। मेडिकल कॉलेज के अनुसार, हादसे के समय 52 से 54 बच्चे NICU में भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है।
1968 में स्थापित यह सरकारी मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है। घटना के बाद, NICU में बचाव कार्य रात 1 बजे तक पूरा कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि घटना से संबंधित सभी तथ्यों की जांच के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।