अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ आज, 11 जनवरी शनिवार को मनाई जा रही है। खास बात यह है कि यह उत्सव 5 शुभ संयोगों के साथ हो रहा है। 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी, लेकिन इस बार हिंदू कैलेंडर की तिथि पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी को आधार मानकर महोत्सव मनाया जा रहा है।
वर्षगांठ पर 5 शुभ संयोग
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर आज 5 शुभ योग बन रहे हैं:
- सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 7:15 से दोपहर 12:29 तक।
- अमृत सिद्धि योग – सुबह 7:15 से दोपहर 12:29 तक।
- शुक्ल योग – सुबह 11:49 बजे तक।
- ब्रह्म योग – पूरे दिन।
- कूर्म द्वादशी – यह दिन भगवान विष्णु के कूर्म अवतार के लिए महत्वपूर्ण है।
इन शुभ संयोगों के कारण आज का दिन पूजा-अर्चना और भगवान राम को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास माना जा रहा है।
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घर पर रामलला की पूजा विधि
पूजा के लिए सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त है, जो दोपहर 12:08 बजे से 12:50 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप अपने पूजा घर में रामलला की छोटी मूर्ति स्थापित करें।
- पंचामृत से अभिषेक करें और मंत्र “पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं। पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।” का उच्चारण करें।
- इसके बाद जल से स्नान कराकर रामलला का श्रृंगार करें। उन्हें वस्त्र, चंदन, मुकुट, धनुष, बाण, फूल और माला पहनाएं।
- अक्षत, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- लड्डू, खीर और घर में बने 56 भोग का भोग लगाएं।
- रामचरितमानस का पाठ करें और अंत में आरती करें।
श्रीराम जी की आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
…
(पूरी आरती पाठ के दौरान गाएं।)
रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तिथि में बदलाव क्यों?
2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी, लेकिन हिंदू धर्म में तिथियों का महत्व ज्यादा होता है। इसलिए अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख के बजाय पौष शुक्ल द्वादशी तिथि को ही वर्षगांठ मनाने के लिए चुना गया।
शुभ संयोगों का महत्व और आशीर्वाद
आज के दिन भगवान राम और भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की पूजा करने से जीवन में मोक्ष और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। रामलला की पूजा-अर्चना कर आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।
आज के इस पवित्र अवसर पर पूरे विधि-विधान से पूजा करें और प्रभु राम का आशीर्वाद प्राप्त करें। जय श्रीराम!