एक तरफ जहां मोदी सरकार अपने 10 साल और योगी सरकार अपने 8 साल के पुरे होने पर जश्न मना रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष एक बड़ा आरोप मोदी सरकार पर लगा रहीं है ,,,विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार देश को कर्ज के तले दबाती जा रही हैं .यही नहीं विपक्ष ये भी कह रहा हैं कि मोदी सरकार 2014 के बाद से अब तक यूपीए सरकार से दो गुना ज्यादा देश को कर्ज के तले दबाया हैं .
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.कांग्रेस का कहना है कि हमने 70 सालों में विदेश से इतना कर्ज नहीं लिया जितना मोदी ने इन 10 सालों में ले लिया हैं .दूसरी बात अगर मोदी ने इतना कर्ज विदेश से लिया है तो वो पैसा गया कहाँ .जी हा आज हम इसी पर बात करने वाले हैं कि क्या मोदी सरकार वास्तव में इतना कर्ज विदेश से लिया है जितना कांग्रेस कह रही है ,तो चलिये सारी सच्चाई से आपको रूबरू कराते हैं ,,, भारत में पिछले 10 सालों में विदेशी कर्ज बढ़कर करीब 250 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय की तरफ से ये जानकारी दी गई है. वित्त मंत्रालय से सवाल पूछा गया था कि 31 मार्च 2014 को देश पर कितना विदेशी कर्ज था और 31 दिसंबर 2024 आते-आते वह कितना हो गया. इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल सितंबर 2024 के आंकड़े के मुताबिक देश पर फिलहाल 711.8 बिलियन यूएस डॉलर का विदेशी कर्ज है, जबकि मार्च 2014 में यह 446.2 बिलियन यूएस डॉलर पर था. यानी इस हिसाब से अगर देखा जाए तो पिछले 10 सालों के दौरान देश पर विदेशी कर्ज करीब 265 बिलियन डॉलर का बढ़ गया है.वित्त मंत्रालय ने इसके साथ यह भी जवाब देते हुए बताया है कि साल 2013-14 के दौरान विदेशी कर्ज पर 11.20 बिलियन डॉलर का ब्याज दिया गया था तो वहीं साल 2023-24 के दौरान अनुमानित तौर पर यह ब्याज 27.10 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.

कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत तमाम विपक्षी पार्टियां लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरती रही हैं. विपक्षी पार्टियों के मुताबिक यूपीए के कार्यकाल के दौरान देश पर जितना कुल विदेशी कर्ज था एनडीए सरकार आने के बाद उसका करीब 50 फीसदी और पिछले 10 सालों के दौरान ही बढ़ गया है. विपक्षी पार्टियां लगातार इस मुद्दे पर यह कहते हुए मोदी सरकार को घेर रही हैं कि सरकार लगातार विदेशी कर्ज लेती जा रही है और उसके चलते देश के हर एक नागरिक पर हजारों रुपए का कर्ज चढ़ता ही जा रहा है.