मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा-यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार चाहती है कि श्रद्धालु जब पवित्र संगम में स्नान करें, तो वे भक्ति के साथ स्वच्छता का संदेश भी लेकर जाएं। इसी को साकार करने के लिए प्रयागराज नगर निगम आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है।
गंगा और यमुना की सफाई के लिए ट्रैश स्कीमर मशीनें लगाई गई हैं, जो हर दिन 10 से 15 टन कचरा नदियों से बाहर निकाल रही हैं। इन अत्याधुनिक मशीनों के जरिए धार्मिक अपशिष्ट, प्लास्टिक, कपड़े, फूल-माला, अगरबत्ती रैपर और अन्य कचरा हटाया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल में स्नान करने का अनुभव मिल सके।
महाकुंभ की तैयारी: 4 साल पहले शुरू हुआ अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियां करीब 4 साल पहले ही शुरू कर दी थीं। पहले एक ट्रैश स्कीमर मशीन प्रयागराज में काम कर रही थी, जो प्रतिदिन 50-60 क्विंटल कचरा निकाल रही थी। मशीन की क्षमता और सफाई के प्रभाव को देखते हुए, 2 साल पहले एक और मशीन खरीदी गई, जिससे सफाई की गति दोगुनी हो गई।
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क्या है ट्रैश स्कीमर मशीन और कैसे काम करती है?
🔹 ट्रैश स्कीमर मशीन पानी की सतह पर तैरते कचरे को इकट्ठा करने का काम करती है।
🔹 यह प्लास्टिक, कपड़े, धातु, धार्मिक अपशिष्ट, मृत पशु-पक्षी, जलकुंभी आदि को हटाती है।
🔹 मशीन की क्षमता 13 क्यूबिक मीटर है और यह 4 किमी तक का क्षेत्र कवर करती है।
मशीन के काम करने की प्रक्रिया:
* मशीन के गेट हाइड्रॉलिक रूप से बंद हो जाते हैं और कचरा फंस जाता है।
* इसके बाद कन्वेयर बेल्ट पर कचरा ट्रांसफर होता है।
* फिर यह कचरा अनलोडिंग कन्वेयर बेल्ट के जरिए बाहर कर दिया जाता है।
कचरे का सही निस्तारण
मशीन से निकाले गए कचरे को प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में एक डंपिंग साइट पर ले जाया जाता है। वहां से इसे रोजाना ट्रकों के जरिए बसवार स्थित प्लांट में भेजा जाता है, जहां नारियल, प्लास्टिक और अन्य सामग्री को अलग किया जाता है।
* प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जाता है।
* अन्य जैविक अपशिष्ट से खाद तैयार की जाती है।
मुंबई से मंगाई गई इस हाई-टेक मशीन का संचालन अगले 5 साल तक उसी कंपनी के हाथ में रहेगा।
गंगा-यमुना की सफाई में ऐतिहासिक कदम
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ और निर्मल गंगा-यमुना उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मैन्युअल और आधुनिक दोनों तरीकों से सफाई अभियान तेज कर दिया है। यह पहल स्वच्छता और भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तुत करती है, जिससे श्रद्धालु आस्था के साथ स्वच्छता का संदेश भी लेकर जाएं।