रांची-झारखंड में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के नाम पर पैसों के लेन-देन का एक मामला सामने आया है, जिसमें सत्तारूढ़ दल के विधायकों पर रिश्वत लेने का आरोप है। एक निजी एजेंसी द्वारा किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन में यह दावा किया गया है कि सत्ताधारी पार्टी के छह विधायकों से सौर ऊर्जा परियोजना के लिए डील की गई, जिसमें सभी विधायकों ने पैसों की मांग की। हालांकि, न्यूज 18 ने इस स्टिंग ऑपरेशन की सत्यता की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस वीडियो में दिखाया गया है कि कथित रूप से विधायक पैसे के लालच में आ गए।
Also Read-पत्रकारों का दिल जीत लिया उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने
स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के टुंडी विधायक मथुरा महतो का भी उल्लेख है, जिसमें लगभग 15 करोड़ रुपये की डील की बात सामने आई है। इसके अलावा, बरही से कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला का नाम भी शामिल है, जिनसे 8 करोड़ रुपये में डील की बात कही गई। घाटशिला के विधायक रामदास से 10 करोड़, बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती से 35 करोड़, गुमला विधायक भूषण तिर्की से 1 करोड़ और सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा से 20 करोड़ रुपये की डील का दावा किया गया है।
जैसे ही निजी चैनल ने इस स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किया, झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस मुद्दे को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हमलावर हो गई है। बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा कि झारखंड सरकार ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघ दी हैं, और अब इसके सबूत मीडिया में भी आ रहे हैं।
दूसरी ओर, इंडिया अलायंस ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, जबकि टुंडी विधायक मथुरा महतो ने इसे उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश बताया। भले ही इस स्टिंग ऑपरेशन की सत्यता पर सवाल हैं, लेकिन चुनावी समय में इसका राजनीतिक प्रभाव पड़ना निश्चित है।