झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और कोल्हान प्रमंडल इस चुनावी जंग का सबसे अहम मैदान माना जा रहा है। कोल्हान झारखंड के पांच प्रमंडलों में से एक है, जहां 14 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें जुगसलाई, जगरनाथपुर, चक्रधरपुर, ईचागढ़, जमशेदपुर पूर्वी, सरायकेला और चाईबासा जैसी प्रमुख सीटें शामिल हैं। माना जाता है कि झारखंड की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता कोल्हान से होकर गुजरता है।
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2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का इन 14 सीटों पर खाता नहीं खुला था, लेकिन कई सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रही। इस बार कोल्हान के “टाइगर” कहे जाने वाले चंपई सोरेन बीजेपी के साथ हैं, जिससे पार्टी को उम्मीद है कि वह इस बार कोल्हान में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
बीजेपी के लिए यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार झाविमो का बीजेपी में विलय हो चुका है और बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष हैं। साथ ही आजसू और एनडीए के अन्य सहयोगी भी बीजेपी के साथ मैदान में हैं, जिससे बीजेपी इस बार मजबूत स्थिति में नजर आ रही है।
कोल्हान की प्रमुख सीटें जहां बीजेपी की नजर है:
- जुगसलाई: 2019 में झामुमो के मंगल कालिंग ने बीजेपी के मुचिराम को 21,934 वोटों से हराया था, लेकिन इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि वह इस सीट पर वापसी करेगी।
- जगरनाथपुर: यहां 2019 में महागठबंधन के सोनाराम सिंकू ने जीत हासिल की थी। बीजेपी को 16,450 और आजसू को 14,223 वोट मिले थे। इस बार बीजेपी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है।
- मनोहरपुर: झामुमो की जोबा मांझी ने 2019 में बीजेपी को 16,019 वोटों से हराया था। बीजेपी यहां अपनी हार को जीत में बदलने की कोशिश करेगी।
- चक्रधरपुर: 2019 में झामुमो के सुखराम उरांव ने बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ को हराया था। इस बार बीजेपी इस सीट पर जीतने की रणनीति बना रही है।
- ईचागढ़: 2019 में महागठबंधन की सरिता महतो ने आजसू के हरेराम महतो को हराया था। इस बार बीजेपी और आजसू साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे बीजेपी को जीत की उम्मीद है।
- जमशेदपुर पूर्वी: 2019 में सीएम रघुवर दास को निर्दलीय सरयू राय ने हराया था। इस बार सरयू राय जदयू के साथ हैं, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
- सरायकेला: 2019 में चंपई सोरेन ने बीजेपी के गणेश महली को हराया था। लेकिन इस बार चंपई सोरेन खुद बीजेपी के साथ हैं, जिससे बीजेपी को इस सीट पर जीत की उम्मीद है।
कोल्हान में बीजेपी इस बार पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में है, और देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह झामुमो का किला भेद पाती है।