पश्चिम बंगाल की सियालदह अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, अदालत ने 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पीड़िता के पिता ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग की थी।
जज ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट की सजा की सीमा
18 जनवरी को न्यायाधीश ने कहा था कि इस मामले में अधिकतम सजा मृत्युदंड और न्यूनतम आजीवन कारावास हो सकती है। दोषी को सजा देने की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई। हालांकि, सबूतों से छेड़छाड़ के संबंध में सीबीआई की जांच अभी जारी रहेगी।
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सीबीआई की दलीलें और साक्ष्य
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा, “हमने ठोस सबूत पेश किए हैं और कानून के दायरे में रहकर काम किया है।” उन्होंने बताया कि पीड़िता 36 घंटे की ड्यूटी पर थी और कार्यस्थल पर उसके साथ बलात्कार और हत्या की गई।
पीड़िता के पारिवारिक वकील ने कहा, “साक्ष्य इस बात को पूरी तरह साफ करते हैं कि उस रात क्या हुआ। आरोपी की बेगुनाही साबित करने की तमाम कोशिशें विफल रहीं।”
सेमिनार हॉल में मिला था शव
पीड़िता, जो एक ट्रेनी महिला डॉक्टर थी, का शव पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था। मामले की शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस की विशेष टीम ने की और आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया। बाद में, अपराध की तारीख के पांच दिन बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली।
तेजी से सुनवाई और दोषसिद्धि
इस मामले में 11 नवंबर से मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई थी। केवल 59 दिनों में अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अपराध की तारीख से 162 दिन में दोषसिद्धि की प्रक्रिया पूरी हो गई।
सीएम ममता बनर्जी का बयान
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हमने हमेशा न्याय की मांग की। सरकार ने जांच में पूरा सहयोग किया। न्यायपालिका को अपना काम करने में समय लगा, लेकिन हम खुश हैं कि आखिरकार पीड़िता को न्याय मिला।”
यह फैसला पीड़िता के परिवार के लिए राहतभरा है और समाज में एक संदेश देता है कि न्याय की जीत होती है।