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महाकुंभ 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में महाकुंभ को बताया एकता का पर्व, सीएम योगी ने जताया आभार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित करते हुए महाकुंभ 2025 का प्रमुखता से उल्लेख किया। उन्होंने इसे एकता, आध्यात्मिकता और समरसता का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री की इस चर्चा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर कर हम सभी को मार्गदर्शन दिया है।

सीएम योगी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में महाकुंभ 2025 भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का महोत्सव बन चुका है। यह आयोजन हमारी परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहा है।”

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महाकुंभ: विविधता में एकता का महापर्व

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिवेणी संगम पर हो रहे इस ऐतिहासिक आयोजन को विविधता में एकता का उत्सव बताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ भारत की परंपराओं को एक सूत्र में पिरोता है। उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम—हर दिशा से लोग यहां आते हैं। यह आयोजन जाति, धर्म और भेदभाव से ऊपर उठकर सभी को संगम की पवित्रता में जोड़ता है।”

प्रधानमंत्री ने इस आयोजन को भारतीय संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक बताते हुए कहा कि गरीब-अमीर, सभी लोग यहां संगम में डुबकी लगाते हैं, भंडारों में एकसाथ भोजन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है।

युवाओं की भागीदारी पर पीएम ने जताई खुशी

महाकुंभ में युवाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर प्रधानमंत्री ने संतोष जताते हुए कहा, “युवा जब अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ते हैं, तो उनकी जड़ें और मजबूत होती हैं। इससे न केवल उनका भविष्य उज्ज्वल होता है, बल्कि देश का भी उत्थान होता है।”

प्रधानमंत्री ने डिजिटल युग में महाकुंभ की बढ़ती लोकप्रियता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस बार महाकुंभ के डिजिटल फुटप्रिंट बड़ी संख्या में दिखाई दे रहे हैं, जिससे इसकी वैश्विक पहचान और मजबूत हो रही है।

सामाजिक मेलजोल और परंपराओं का संगम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कुंभ, पुष्करम और गंगासागर जैसे आयोजन न केवल हमारी आध्यात्मिकता को सशक्त करते हैं, बल्कि समाज में मेलजोल, सद्भाव और एकता को भी बढ़ावा देते हैं। ये पर्व हमें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के शाश्वत सिद्धांतों की ओर ले जाते हैं।”

उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए गंगासागर मेले का भी उल्लेख किया, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे पर्व भारत की परंपराओं को जीवंत रखते हैं और सांस्कृतिक, सामाजिक व आर्थिक दृष्टिकोण से हमारे समाज को सशक्त करते हैं।

महाकुंभ 2025 न केवल भारत के सांस्कृतिक धरोहरों का उत्सव है, बल्कि यह हमारी एकता और गौरव का भी प्रतीक बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन विश्वभर में भारत की अद्वितीय पहचान को और अधिक प्रखर कर रहा है।

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