आस्था और श्रद्धा के महापर्व महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया। इस ऐतिहासिक स्नान के दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं का महाकुंभ में उमड़ना जारी रहा, और लगभग 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
श्रद्धालुओं के सुगम और सुरक्षित सफर के लिए रेलवे का विशेष इंतजाम
श्रद्धालुओं की विशाल संख्या को देखते हुए प्रयागराज रेल मंडल ने रिकॉर्ड 400 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया, जिससे 20 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया गया।
रेलवे प्रशासन ने होल्डिंग एरिया, कलर-कोडेड आश्रय स्थल और विशेष दिशा-निर्देशन व्यवस्था के तहत यात्रियों को भीड़भाड़ से बचाते हुए सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान किया।
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प्रयागराज रेलवे ने संभाला महाकुंभ का यातायात
- मौनी अमावस्या का पर्व महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व माना जाता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने आते हैं।
- इस वर्ष 29 जनवरी को 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, और अगले दिन भी 2 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे।
- इतनी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की।
- 29 जनवरी को 400 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें, और 30 जनवरी को 175 स्पेशल ट्रेनों के साथ 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया गया।
- पिछले दो दिनों में कुल 700 से अधिक ट्रेनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया गया।
प्रयागराज रेलवे स्टेशनों पर बेहतरीन भीड़ प्रबंधन
रेल प्रशासन ने प्रयागराज जंक्शन सहित एनसीआर के नैनी, छिवकी, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ और पूर्वोत्तर रेलवे के रामबाग व झूंसी स्टेशनों से विशेष ट्रेनों का संचालन किया।
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए:
- होल्डिंग एरिया और कलर-कोडेड आश्रय स्थलों की व्यवस्था की।
- यात्रियों को कलर टिकट सिस्टम के जरिए उनकी ट्रेनों तक पहुंचाया गया।
- स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य सेवाएं, पीने का पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गईं।
- रेलवे कंट्रोल रूम और वॉच टॉवर से आला अधिकारियों ने भीड़ प्रबंधन पर नजर रखी।
रेलवे की शानदार व्यवस्था से तीर्थयात्रियों को मिली राहत
महाकुंभ 2025 में रेलवे प्रशासन के बेहतरीन इंतजामों की वजह से करोड़ों श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित यात्रा का अनुभव मिला।
रेलवे और प्रशासन की इस ऐतिहासिक व्यवस्था ने महाकुंभ 2025 को यादगार बना दिया।