मनरेगा में फर्जीवाड़े की सुनामी ने फिर से हलचल मचा दी है। क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना, उनके बहनोई गजनबी और कुछ अन्य परिजनों पर मनरेगा मजदूर दिखाकर बड़ा भुगतान लेने का आरोप सामने आया है, जांच में पता चला कि शबीना की सास, गुले आयशा, जिन्होंने गांव पलौला की प्रधान भी हैं, ने 8.68 लाख रुपये की वसूली की जाएगी, डीएम निधि गुप्ता वत्स ने जांच रिपोर्ट प्राप्त करते ही मामले में तत्काल कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है।
तत्कालीन तीन पंचायत सचिव – उमा, अंजुम व पृथ्वी – तथा एपीओ ब्रजभान सिंह समेत आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हेतु शासन को पत्र भेजा गया है, एक पंचायत सचिव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है और सभी आज सरकारी कर्मचारीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, साथ ही, जांच कमेटी ने पिछले एक सप्ताह से मनरेगा में फर्जीवाड़े के हर पहलू की छानबीन की। रिपोर्ट में बताया गया कि कुल 18 लोगों ने बिना मजदूरी किए रकम निकालकर फर्जीवाड़े में हिस्सा लिया है।
गाँव की प्रधान, जिनकी पहचान शबीना की सास गुले आयशा से हो रही है, उनके अधिकार सीज कर सरकारी धन की वसूली की जाएगी। फर्जीवाड़े में शामिल व्यक्तियों की डिटेल इस प्रकार है: शबीना (मोहम्मद शमी की बहन) – 71,013; गजनबी (मोहम्मद शमी के जीजा) – 66,584; आमिर सुहेल (प्रधान का पुत्र) – 63,851; शेखू (प्रधान का पुत्र) – 68,554; नेहा परवीन (प्रधान की पुत्री) – 48,596; सारिया (प्रधान की पुत्री) – 60,890; सबा रानी (प्रधान की पुत्री) – 65,665; नसरुद्दीन (प्रधान का पुत्र) – 72,127; जब्बार (प्रधान के देवर का लड़का, बाहर रहता है) – 70,760; मोहम्मद वासिफ (अलीगढ़ में पढ़ता है) – 24,855; आकिब जावेद (अलीगढ़ में पढ़ता है) – 32,358; अजीम (सीएल गुप्ता में इंजीनियर) – 28,611; शजर (अमरोहा में परचून की दुकान का मालिक) – 20,901; कमरे आलम (प्रधान का देवर) – 7,122; मोहम्मद अहमद (अलीगढ़ में पढ़ता है) – 72,320; मोहम्मद फैद (सऊदी अरब में रहता है) – 4,893; मोहम्मद अरमान (अलीगढ़ में पढ़ते हैं) – 12,532; जैद (प्रधान के देवर का लड़का) – 76,712. कुल फर्जीवाड़ा राशि 8,68,344 रुपये है।
डीएम निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि दोषी कर्मचारियों पर निलंबन की सख्त कार्रवाई की जाएगी। परियोजना निदेशक व डीसी मनरेगा अमरेंद्र प्रताप सिंह को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल, चार सचिवों, ब्लॉक के कर्मचारियों और साहिर कुल 8 सरकारी कर्मचारीओ के खिलाफ डिडौली कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है ।इस मामले में सरकारी धन की रिकवरी एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने का निर्देश लिया गया है। जोया ब्लाक के बीडीओ की तहरीर पर डिडौली कोतवाली में आज सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जिसमें तत्कालीन वीडियो भी शामिल हैं,
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