पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के ऊपर हमलावर दिखे ,प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जब कोंग्रस पार्टी और राहुल गाँधी के ऊपर ये जुबानी हमला बोल रहे थे तब काफी गुस्से और गंभीर दिख रहे थे ,बता दे कि अभी हाल ही में हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव हरा कर बीजेपी ने तीसरी बार सरकार बनायीं है ,कॉंग्रेस के हार पर देश की सभी पार्टियों व नेतावो की टिप्पड़ी आयी है लेकिन पहली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बातें बहुत ही गंभीरता के साथ देश वाशियो को बताई है ,
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चलिये अब आपको हम बताते है कि आखिर प्रधान मंत्री ने राहुल गाँधी और कांग्रेस को क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस नफरत फैलने की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनने वाली है. ये गांधी जी ने आजादी के बाद ही समझ लिया था. इसलिए गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए. कांग्रेस खुद खत्म नहीं हुई, लेकिन आज देश को खत्म करने पर तुली हुई है. इसलिए हमें सावधान रहना है सतर्क रहना है.”हरियाणा में हैट्रिक जीत के बाद 24 घंटों के भीतर प्रधानमंत्री मोदी के दो भाषण हुए. पहला भाषण हुआ दिल्ली में बीजेपी के मुख्यालय पर और दूसरा भाषण महाराष्ट्र के लिए अलग-अलग परियोजनाओं की लाॉन्चिंग पर. दोनों ही भाषणों में प्रधानमंत्री के निशाने पर कांग्रेस थी. और दोनों ही भाषणों में पीएम ने कांग्रेस पर जो आरोप लगाए, उसमें एक बात समान थी. आरोप ये कि कांग्रेस साजिश कर रही है.पीएम मोदी ने कहा, “साथियों बीते कुछ समय से भारत के खिलाफ भांति-भांति के षडयंत्र चल रहे हैं. भारत के लोकतंत्र, भारत के अर्थतंत्र और सामाजिक ताने बाने को कमजोर करने के लिए भांति-भांति की साजिशें हो रही हैं. अंतरराष्ट्रीय साजिशें हो रही हैं. कांग्रेस का पूरा इकॉसिस्टम अरबन नक्सल का पूरा गिरोह जनता को गुमराह करने में जुटा था. लेकिन कांग्रेस की सारी साजिशें ध्वस्त हो गईं.”
प्रधानमंत्री के भाषण में तीन शब्द सुनने को मिले ‘भारत के लोकतंत्र को, भारत के अर्थतंत्र को, सामाजिक ताने बाने को कमजोर करने के षडयंत्र किए जा रहे हैं.’ इस आरोप का आधार क्या है? षडयंत्र के तार किधर हैं? ये हम आगे बताते हैं.भारत में नागरिकता कानून लागू हो तो विरोध होता है. भारत में 370 हटाया जाए तो विरोध होता है. कहने को जरूरतमंदों के लिए पैसे खर्च किए जाते हैं. लेकिन, हकीकत में भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए फंडिंग की जाती है. नेटवर्किंग इतनी तगड़ी होती है कि अमेरिका में रिपोर्ट पेश की जाती है. और उसके कुछ ही देर बाद बड़े सधे हुए अंदाज़ में भारत में सरकार के खिलाफ सवाल खड़े कर दिए जाते हैं. जैसा कि प्रधानमंत्री आरोप लगा रहे हैं. क्या भारत के विकास की रफ्तार रोकने के लिए एक नेटवर्क काम कर रहा है? और क्या भारत के खिलाफ साजिश को पब्लिक ओपिनियन के रूप में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है?