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उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते में 100 से ज्यादा हत्याएं ? कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल!

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उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर एक बार फिर सियासी बहस तेज हो गई है। बीते एक हफ्ते में प्रदेशभर में 100 से अधिक हत्या के मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इन मामलों में घरेलू विवाद से लेकर आपसी रंजिश, लूट, जमीन विवाद और प्रेम-प्रसंग जैसे कारण सामने आए हैं।

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बीते एक हफ्ते में उत्तर में प्रमुख घटनाएं: क्या रही है आइये इसपर एक नजर डालते है ,,गोरखपुर में एक युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, पुलिस मौके पर देर से पहुंची।कानपुर में जमीनी विवाद में दो सगे भाइयों की हत्या, गांव में तनाव।मेरठ में युवती को उसके प्रेमी ने घर में घुसकर गोली मारी, आरोपी फरार.प्रयागराज में गैंगवार में एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल.वाराणसी में वृद्ध दंपती की घर में लूट के बाद हत्या, पुलिस को कोई सुराग नहीं।जौनपुर में तीन लोगों की हत्या ,इसके आलावा प्रदेश के अलग अलग क्षेत्र में भी इस तरीके के वारदात सामने आये हैं .ऐसे में प्रदेश की मुख्यविपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा,“प्रदेश अपराधियों के हवाले है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी ‘ठोक दो’ नीति की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में अपराधी बेलगाम हैं।”वहीं उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि“अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। कई एनकाउंटर हुए हैं और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया है।”ADG लॉ एंड ऑर्डर ने बयान में कहा कि”कुछ घटनाएं दुखद हैं, लेकिन अपराध नियंत्रण के लिए हम हर जिले में विशेष गश्त और निगरानी बढ़ा रहे हैं।”एनसीआरबी और पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उत्तर प्रदेश में औसतन हर दिन 14–15 हत्या के मामले दर्ज हो रहे हैं। यह देश में सबसे अधिक है। पिछले एक हफ्ते में सामने आए 100+ हत्या मामलों ने आम लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।उत्तर प्रदेश में बढ़ती हत्याएं न सिर्फ प्रशासन के लिए चुनौती बन गई हैं, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी बहस का विषय हैं। विपक्ष इसे कानून-व्यवस्था की विफलता बता रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि हर अपराधी को कानून के दायरे में लाया जा रहा है।

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