उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए तकनीक का नया दौर शुरू हो चुका है। अब फसल सुरक्षा के लिए पारंपरिक तरीकों की जगह आधुनिक ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। लखनऊ समेत 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत नैनो यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन से शुरू हो गया है।
ड्रोन से फसल सुरक्षा – कम समय में ज्यादा फायदा
ड्रोन की मदद से सिर्फ एक घंटे में 12 एकड़ तक की फसल पर छिड़काव संभव हो रहा है। इससे किसानों का समय बचेगा और उत्पादन भी बेहतर होगा। 6 जिलों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
- गोरखपुर, बहराइच और मुजफ्फरनगर में 2-2 प्रोजेक्ट
- लखनऊ, गाजियाबाद और कानपुर नगर में 1-1 प्रोजेक्ट
- कुल 9 ड्रोन प्रोजेक्ट पर काम शुरू
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तकनीकी प्रशिक्षण भी मिल रहा है
किसानों को न सिर्फ ड्रोन से दवा छिड़काव सिखाया जा रहा है, बल्कि उन्हें वैज्ञानिक खेती की भी जानकारी दी जा रही है ताकि वो आधुनिक कृषि को अपना सकें।
सरकार की योजना – हर जिले में हो टेक्नोलॉजी का विस्तार,योगी सरकार का लक्ष्य है कि इस तकनीक को पूरे प्रदेश में लागू किया जाए। आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी योजनाओं के ज़रिए किसानों को नए संसाधनों से जोड़ा जा रहा है।
फायदे एक नजर में:
- ड्रोन से सटीक और तेज छिड़काव
- समय और लागत दोनों की बचत
- फसल की सेहत पर सीधी नजर
- किसान बनेंगे तकनीक में सक्षम
- उत्पादन और आमदनी दोनों में इजाफा
यह पहल यूपी में स्मार्ट एग्रीकल्चर की तरफ एक बड़ा कदम है, जो भविष्य में किसानों के लिए एक साइंटिफिक वरदान साबित हो सकता है।