जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे इस्लामाबाद में खलबली मच गई है। बुधवार, 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में भारत ने सिंधु जल संधि खत्म करने और अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए।
इसके अलावा, भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या घटाने और अपने स्टाफ को पाकिस्तान से वापस बुलाने का आदेश भी जारी कर दिया है। साथ ही, पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं, और उन्हें भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है।
‘भारत अब रिश्ते नहीं रखना चाहता’, पाकिस्तानी विशेषज्ञ का गुस्सा
भारत के इन निर्णयों के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तानी नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई है। वहीं, पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने अपनी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भारत अब रिश्ते नहीं रखना चाहता, और हमारी सरकार चुपचाप बैठी है। अब चुप नहीं रहना चाहिए, पूरे 250 मिलियन लोग सरकार की ओर देख रहे हैं।”
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कमर चीमा ने भारत के सिंधु जल संधि खत्म करने के फैसले को ‘वॉटर वॉरफेयर’ करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यह मसला पाकिस्तान की कृषि और करोड़ों जिंदगियों से जुड़ा है, जिसे दुनिया के सामने मजबूती से उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान अब भी ठोस कदम नहीं उठाता, तो यह अपनी कमजोरी साबित करेगा।”
‘ऐसे फैसले लो जो पहले कभी नहीं लिए गए’ – पाकिस्तान को दी सलाह
कमर चीमा ने पाकिस्तान की सरकार को चेताया कि अगर नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग भी सिर्फ रस्म अदायगी बनकर रह गई, तो जनता जवाब मांगेगी। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को अब भारत के खिलाफ ऐसे फैसले लेने होंगे जो पहले कभी नहीं लिए गए, तभी दुनिया को दिखेगा कि पाकिस्तान गंभीर है।”
भारत की ओर से लिए गए इन कड़े फैसलों से एक बात साफ हो गई है – आतंक के खिलाफ भारत अब किसी भी हद तक जाने को तैयार है।