नई दिल्ली : पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस आज सुबह भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। तीन दिवसीय दौरे (2 जून से 4 जून) के दौरान राष्ट्रपति पेना भारत के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने के उद्देश्य से राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा करेंगे।

राजकीय सम्मान और गांधी को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली आगमन पर राष्ट्रपति पेना का पालम एयरफोर्स स्टेशन पर पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्री हर्षवर्धन मल्होत्रा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यात्रा की शुरुआत में उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और शांति व अहिंसा के मूल्यों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। विदेश मंत्रालय ने इस भावुक क्षण को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए इसे भारत-पराग्वे मैत्री का प्रतीक बताया।
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प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात
राष्ट्रपति पेना ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने भारत-पराग्वे संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की और द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पेना के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन भी करेंगे।
उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत दौरा
राष्ट्रपति पेना के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में पराग्वे के वरिष्ठ मंत्री, अधिकारी और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हैं। यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे।

मुंबई में कारोबारी संवाद
दिल्ली के बाद, राष्ट्रपति पेना मुंबई की यात्रा करेंगे, जहां वे भारतीय व्यापार जगत, स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और तकनीकी विशेषज्ञों से संवाद करेंगे। इस दौरान भारत और पराग्वे के बीच व्यापारिक साझेदारी को गहरा करने और संयुक्त निवेश के अवसरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भारत-पराग्वे संबंध: ऐतिहासिक और भविष्यगामी
भारत और पराग्वे के बीच 13 सितंबर 1961 को राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। तब से दोनों देशों के बीच सहयोग कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मजबूत हुआ है। भारत की कई प्रमुख कंपनियाँ पराग्वे में सक्रिय हैं, वहीं पराग्वे की कुछ कंपनियाँ भारत में संयुक्त उपक्रम के रूप में कार्य कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग उल्लेखनीय है चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा हो या आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयास।